सायबर धोखाधड़ी के तीन कारण – भय, लालच और अज्ञानता –

:: अखंडधाम आश्रम पर संत सम्मेलन में सायबर क्राईम के एसपी और डीएसपी ने स्कूली बच्चों को बताए बचाव के उपाय ::
इन्दौर । देश में मोबाइल के 100 करोड़ से अधिक, इंटरनेट के 50 करोड़, डेबिट कार्ड के 90 करोड़ और क्रेडिट कार्ड के 4 करोड़ से अधिक ग्राहक या उपभोक्ता है। इनमें से आधे से ज्यादा ग्राहक कभी न कभी किसी तरह की धोखाधड़ी के शिकार बनते-बनते बच जाते हैं। सायबर अपराध तीन कारणों से होते हैं – भय, लालच और अज्ञानता। अनजान व्यक्ति द्वारा घर का दरवाजा खटखटाने पर जिस तरह हम पूरी तरह सत्यापन करने के बाद ही उसे घर में बुलाते हैं, इसी तरह फेसबुक और अन्य डिजीटल प्लेटफार्म पर तब तक कोई कदम न उठाएं, जब तक हम उसे पूरी तरह जान न लें। बिना जान पहचान के किसी भी तरह का व्यवहार हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है। सरकार ने इनकी रोकथाम के लिए आईटी एक्ट बना रखा है, जिसमें साइबर क्राइम के लिए कड़ी सजा का प्रावधान भी है। स्कूल-कालेजों के छात्रों, विशेषकर बेटियों को स्मार्ट फोन के उपयोग में पूरी तरह सावधानी बरतनी चाहिए। एक छोटी सी गलती कई बार जीवन भर के लिए नुकसान पहुंचा सकती है।
बिजासन रोड़ स्थित अखंड धाम पर चल रहे 54वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन की धर्मसभा में आज सायबर क्राईम सेल के एसपी जितेन्द्रसिंह एवं डीएसपी सृष्टि भार्गव ने जगदगुरु शंकराचार्य, भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के मुख्यातिथ्य एवं चित्रकूट पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में उक्त जानकारियां दी। उन्होंने प्रोजेक्टर की मदद से सायबर क्राईम के तरीकों और उनसे बचाव के उपायों पर भी क्लाथ मार्केट कन्या विद्यालय एवं शारदा कन्या विद्यालय की बालिकाओं को समझाईश दी। स्कूली की प्राचार्य श्रीमती प्रिया चौहान एवं शिक्षिका नेहा यादव और प्रगति गायकवाड़ के साथ आई इन बालिकाओं ने सायबर अपराधों पर पुलिस अधिकारियों से अनेक सवाल भी पूछे। प्रारंभ में आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. चेतन स्वरूप, आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, दीपक जैन ‘टीनू’, ठा. विजयसिंह परिहार, सचिन सांखला, बालकृष्ण छाबछरिया, विष्णु बिंदल, सरस्वती पेंढारकर, भावेश दवे आदि ने पुलिस टीम का स्वागत किया। भाजपा नेता एकलव्य लक्ष्मणसिंह गौड़, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, डॉ. आयुषी भय्यू महाराज, प्रो. श्रीमती प्रतीक श्रीवास्तव, जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने एस.पी. जितेन्द्रसिंह एवं डीएसपी सृष्टि भार्गव का सम्मान भी किया। मंच का संचालन हरि अग्रवाल ने किया।
संगोष्ठी के प्रारंभ में एसपी जितेन्द्रसिंह ने कहा कि मोबाईल और साईबर धोखाधड़ी से बचने के लिए किसी भी लिंक को क्लीक नहीं करना चाहिए चाहे वह एसएमएस, वाट्सअप या ईमेल पर आई हो। हमारा पासवर्ड नितांत निजी होता है उसे भी किसी को शायर नहीं करना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चों को महंगे और स्मार्ट मोबाईल दे तो देते हैं, लेकिन जाने-अनजाने में बच्चे उनका दुरुपयोग करने लगते हैं। यदि किसी भी तरह की शरारत, धोखाधड़ी या अन्य कोई अवांछनीय हरकत होती है तो उसकी सूचना तत्काल माता-पिता, मित्र या पुलिस को देना चाहिए। शिकायत में देरी करने से बदमाशी करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। भारत सरकार ने सायबर क्राईम की रोकथाम के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सायबर क्राईम डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर सीधे शिकायत दर्ज करने की सुविधा दे रखी है। इसी तरह की धोखाधड़ी होने पर हेल्पलाइन 155260 पर भी शिकायत की जा सकती है। उन्होंने बालिकाओं से प्रश्न भी पूछे और बताया कि सायबर क्राईम को नियंत्रित करने हेतु आईटी एक्ट बना हुआ है। कोई भी व्यक्ति हमारे फेसबुक, मोबाइल वाट्सअप पर रखे हुए फोटो एवं अन्य कोई सामग्री बिना हमारी अनुमति के कहीं भी उपयोग नहीं कर सकता है। जहां कहीं ऐसा कुछ हो तो उसकी सूचना तत्काल देना चाहिए। डीएसपी सृष्टि भार्गव ने प्रोजेक्टर की मदद से फिल्म आज का अभिमन्यू का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी का भी फोटो या डेटा कॉपी करना भी अपराध है। आजकल केबीसी के नाम पर अथवा वैवाहिक वेबसाइट के नाम पर भी अपराध बढ़ रहे हैं। आतंकवादी संगठन भी भोले-भाले बच्चों को लालच या भय दिखाकर उन्हें अपने साथ जोड़ लेते हैं। किसी भी ग्रुप में शामिल होने के पहले तस्दीक कर लेना चाहिए कि उस ग्रुप में कौन-कौन सदस्य हैं अन्यथा नए एक्ट में ग्रुप के सभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। असल में हम खुद ही अपनी सारी गोपनीय और पारिवारिक जानकारियां शेयर कर ऐसे ठगों और धोखेबाजों को न्यौता दे रहे हैं। एयरपोर्ट से निकलकर बोर्डिंग पास को डस्टबीन में नहीं फेंकना चाहिए। एटीएम से पैसा निकालते वक्त यदि कार्ड हिल रहा है तो समझ लें कि किसी ने वहां स्कीमर लगा रखा है, जिसकी मदद से हमारे एटीएम कार्ड की क्लोन बन रही है। ऐसे अऩेक आरोपी पकड़े भी गए हैं। ठगी के कामों में अधिकतर लड़कियों का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है। जिस रफ्तार से सायबर क्राईम बढ़ रहे हैं, हमें भी एक दिन का मोबाईल या इंटरेनेट का उपवास रखना चाहिए, क्योंकि नियमित उपयोग से हम इनके एडिक्ट हो रहे हैं। एटीएम कार्ड को एक साल के बाद बैंक से बदलवा लेना चाहिए। कई बार फोटो के साथ छेड़छाड़ कर युवतियों को ब्लैकमेल करने की शिकायतें भी आती हैं। बैंक से अपना क्रेडिट कार्ड लेकर आने वाले डिलीवरी ब्वाय को भी धोखेबाज लोग पैसा देकर अपने साथ मिला लेते हैं और बाद में हमारी पूरी जानकारी लेकर धोखाधड़ी का प्रयास करते हैँ। इनसे सावधानी बरतने के लिए विवेक और सूझबूझ की जरुरत है। याद रखें कि डिजीटल पटल पर लिखा हुआ कोई भी शब्द कभी मिटता नहीं है, हमेशा मौजूद रहता है और पुलिस ने अनेक अपराधों का पता इसी तकनीक से लगाया है। बेटियों को विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। चाईल्ड पोर्नोग्राफी और इस तरह के अन्य अपराध भी बढ़ रहे हैं।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने कहा कि वित्त अर्थात धन तो आने-जाने वाला तत्व है, लेकिन वित्त के कारण चित्त में क्षोभ अवश्य पैदा होता है। हमारे हाथों की चारों अंगुलियां धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्रतीक हैं, जिस तरह चारों अंगुलियां बराबर नहीं होती है उसी तरह व्यक्ति के चारों गुण भी बराबर नहीं होते। अर्थ और काम प्राथमिक हो जाते हैं, जबिक धर्म और मोक्ष पीछे रह जाते हैं। संत सम्मेलन में सायबर क्राईम पर बेटियों को आमंत्रित कर उन्हें इससे बचने के तरीके बताने का यह अनूठा आयोजन अनूकरणीय और वंदनीय प्रयास है। निश्चित ही इससे पालकों और बेटियों को भी भविष्य में ऐसे सुनियोजित अपराधों से बचने में मदद मिलेगी। यह याद रखें कि सबसे ऊपर धर्म रहना चाहिए। पश्चिमी देशो में अर्थ से भी ऊपर काम को रखा जाता है। यही कारण है कि वहां संस्कृति नहीं विकृति पैर पसार रही है। भारत भूमि संस्कृति की पोषक रही है।
आज संत सम्मेलन में जगदगुरु स्वामी शंकराचार्य एवं चित्रकूट पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज, चित्रकूट के स्वामी प्रभुतानंद के अलावा रतलाम के महामंडलेश्वर देवस्वरूप महाराज, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती, साध्वी अर्चना दुबे, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, स्वामी राजानंद, स्वामी दुर्गानंद, चौबारा जागीर के वेदांत भूषण स्वामी नारायणनानंद, साध्वी मीरादेवी, उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद ने भी अपने प्रवचन में वेदांत और अन्य विषयों पर प्रभावी विचार व्यक्त किए। संतों का स्वागत समाजसेवी विष्णु बिंदल, बालकृष्ण छाबछरिया, हरीश विजयवर्गीय, कैलाशचंद्र खंडेलवाल, रज्जू पंचोली, आदित्य सांखला, शंकरलाल वर्मा आदि ने किया। मंच का संचालन हरि अग्रवाल ने किया।
:: आज स्वामी अखंडानंद की 54वीं पुण्यतिथि ::
संत सम्मेलन का समापन शनिवार 25 दिसम्बर को सुबह 9 बजे से प्रारंभ होने वाली आदरांजलि सभा के साथ होगा। जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ एवं चित्रकूट पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज के साथ आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप तथा बाहर से आए सभी संत विद्वान, आश्रम के संस्थापक स्वामी अखंडानंद महाराज को 54वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन समर्पित करेंगे। धर्मसभा के बाद दोपहर 12 बजे हजारों श्रद्धालू मोमबत्ती और दीपक लगाकर स्वामी अखंडानंद की आरती करेंगे। इसके साथ ही इस संत सम्मेलन का समापन होगा।