अटल थे अटल।
विराट भव्य काया,
दृढ़ता सी साया।
परिपूर्ण पवित्र मन ,
निर्मल थी माया।
प्रकृति पर विजय,
काव्यात्मक परिपूर्ण।
स्वाभाव से विनम्र,
लोकप्रिय राजनेता,
वैभवयुक्त परिपूर्ण।
आत्मा के परमात्मा,
सौंदर्य के पूरक।
सहस्त्र गुणों के भंडार,
राष्ट्रवाद था विचार,
राष्ट्रीयता के अनुपूरक।
सहृदय राजनेता,
विशाल हृदय का संसार।
उत्कृष्ट था विचार,
श्रेष्ठ कवि सा,
खूब पूर्णता था सारोबार।ं
प्रकृति के रक्षक,
सांस्कृतिक संरक्षक।
आत्मसात में निपुण,
सद्भाव से परिपूर्ण।
कर्मठता में अनथक,
सम्पूर्ण के समर्थक।
सद्भाव से परिपूर्ण,
उत्तम भाव सम्पूर्ण।
राष्ट्रीय सचेतक,
सदैव रहें प्रेरक।
ऊर्जा के सागर,
सूर्य सा उजागर।
नवीनतम के पोषक,
अद्भुत थे उद्घोषक।
सन्देश वाहक सम्बल,
आत्मबल था निर्मल।
युगपुरुष सा अवतार,
निर्मल पवित्र विचार।
राष्ट्रीय महापुरुष,
बनें रहें धरती पर अतुल्य।
देशवासियों के लिए,
देवता समतुल्य।
कविता काव्य प्रहरी,
ओज के अग्रहरि।
गौरवपूर्ण इतिहास,
राष्ट्रीय अहसास।
कविता की वाणी,
निर्मल थी शानी।
भरपूर उमंग उल्लास,
अपनेपन का अहसास।
सर्वोत्तम अपूर्व ज्ञानी,
कोमल मीठी वाणी।
दुश्मनों के प्रिय,
अद्भुत लोकप्रिय।
राष्ट्रीय अपनापन,
सम्पूर्णता था समापन।
उच्च विचार के आधार,
उन्नत प्रगतिशील विचार।
संस्कृति कोश में,
समर्पण था काव्य।
मित्रता उत्कृष्ट,
निर्मल था स्वाभाव।
संकल्पित विचार,
सदैव रहता था पूर्ण।
प्रफुल्लित मन से,
दिखता था यह गुण।
आचार यात्रा में,
उत्तम बेमिसाल।
समृद्ध था व्यवहार,
हृदय था विशाल।
अटल वीर योद्धा को करते,
रहेंगे सदैव नमन व वन्दन।
राष्ट्र प्रहरी का हम-सब,
आज भी करते अभिनन्दन।
सुन्दर सन्देश विभूषित,
पूर्ण विश्वास सम्पोषित।
हम-सब श्रद्धा से,
कर रहे हैं उन्हें याद।
देशवासियों के लिए,
बन कर यह फरियाद।
डॉ० अशोक, पटना, बिहार।