दिल की कहानी अगर तू समझती…

रूह रँगदारी कभी न लेती

दिल की कहानी अगर तूने समझी होती

क़तरा क़तरा शबनम कभी न गिरती

शबनम की अहमियत अगर तुझे पता होती..

ज़लवो की तेरे तारीफ़ न होती

रानाईया तेरी अगर रोम रोम में न होती

दिल की हालात इतनी कमजोर न होती

ख़ुश्बू तेरी अगर ज़हन में बसी न होती

दीवानगी मेरी हद से बड़ी न होती

दर्द की दवा अगर तूने वक़्त पर की होती

ज़िद्द इस तरह की तेरी कभी न होती 

पहलू में मेरे अगर तू लेटी होती ।।।

आरिफ़ असास

दिल्ली 8448738790