नई दिल्ली । भारत में कोरोना के कुल मामलों में 75 प्रतिशत ओमिक्रॉन के आ रहे हैं। कोविड टॉस्क फोर्स के प्रमुख एनके अरोरा ने कहा कि भारत में स्पष्ट तौर पर कोविड-19 की तीसरी लहर आ चुकी है।
अरोरा ने एक समाचार चैनल से कहा कि 15 से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों के लिए कोवैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। देश की वैक्सीन टॉस्क फोर्स के प्रमुख एनके अरोरा कोविड वैक्सीनेशन की देश में शुरुआत के बाद से ही इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।
डॉ। अरोरा ने कहा, “जिन भी वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है, उनके हिसाब से बात करें तो पिछले हफ्तों में राष्ट्रीय स्तर पर सभी वैरिएंट में से 12 फीसदी ओमिक्रॉन के केस रहे हैं। लेकिन पिछला जो हफ्ता बीता है, उसके आधार पर यह अनुपात 28 फीसदी तक पहुंच गया है। ऐसे में यह कोविड संक्रमण के अन्य वैरिएंट के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में तेजी से पैर पसार रहा है। इन महानगरों में ओमिक्रॉन के 75 फीसदी केस हैं।”
भारत में पहले ही ओमिक्रॉन के 1700 केस आधिकारिक तौर पर दर्ज हुए हैं। इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 510 मामले हैं। वहीं देश में कोरोना के मामले में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अरोरा ने कहा, “भारत में स्पष्ट तौर पर तीसरी लहर आ चुकी है और पूरे परिदृश्य को देखें तो नया वैरिएंट इसमें सबसे ज्यादा हावी है और यह ओमिक्रॉन ही है। पिछले 4-5 दिनों में ही मिले साक्ष्यों भी इसी की ओर इशारा करते हैं और कोविड केस में लगातार इजाफा हो रहा है।”
अरोरा ने 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर जताई जा रही चिंताओं को भी खारिज किया। अरोरा ने कहा कि यह पूरी तरह सुरक्षित है और किशोरों को कोई एक्सपायरी होने जा रही कोविड वैक्सीन नहीं दी जा रही है।