चुनाव नजदीक आ रहा

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

कोई बांट रहा फ्री की बिजली

फ्री स्कूटी बेटियों को कोई दिला रहा है

चौबीस घंटे पानी दे रहा कोई

कोई निशुल्क लैपटॉप के सपने दिखा रहा है

बुजुर्गों ने जो कमाया जैसे उसको लुटा रहा है

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

एक दूसरे पर चल रहे कटु शब्दों के बाण

कहीं सीबीआई ईडी का चल रहा डंडा

असली मुद्दों को भूल चुके हैं सारे

सत्ता को हड़पने का यह है नया फंडा

सत्ता से बेदखल होने का डर सता रहा है

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

महंगाई बेरोजगारी अब बीती बातें हो गई

इन पर नहीं अब किसी का ध्यान

खुद कर रहे रैलियों में भीड़ इक्कठी

दूसरों को बांट रहे फालतू का ज्ञान

कानून की धज्जियां कानून का रखवाला उड़ा रहा है

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

इतर वालों की खुशबू सीबीआई ले गई

नोट जो निकले थे किसके यह पहेली रह गई

चुनाव जब आते हैं तभी पड़ते हैं छापे

यू पी नहीं यह बंगाल की जनता कह गई

जनता को फिर झूठे सपने दिखा रहा है

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

राजनीति को घटिया बना दिया इन नेताओं ने

आदर्शों और संस्कारों को दे दी तिलांजलि

सत्ता का सुख भोगने के लिए

आदर्श और ईमानदारी की दे दी बली

सच्चाई को झूठ से कोई दबा रहा है

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

कोई अपनी जाति की दुहाई दे रहा

कोई मज़हब के नाम पर लड़ा रहा

साजिशें हो रही देश बांटने की हर तरफ

अपने स्वार्थ की खातिर देश की बलि चढ़ा रहा

भाईचारे के बीच में मज़हब क्यों लाया जा रहा

ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है

रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं

जिला बिलासपुर हि प्र