अवध में विराजे श्रीराम जी
पावन भई अयोध्या
सब मिल गावे रे मंगलाचार जी
पावन भई अयोध्या
पावन भई अयोध्या, पावन भई अयोध्या
हरषे दशरथ हरषी कौशल्या
हरषित नर, नारी मुनि मुनिया
सरजू भई रे निहाल जी
पावन भई अयोध्या
रामलला जन्म भूमि विराजे
बन्द सुखन के खुल गये ताले
जम्बू क्षेत्र हुआ मालामाल जी
पावन भई अयोध्या अवध में
सुख के आंसू भक्त जन के छलके
सरजू तट के रजकण है दमके
सब प्राणी करे गुणगान जी
पावन भई अयोध्या
अवध में विराजे श्रीराम जी
पावन भई अयोध्या।
– राकेश धर द्विवेदी
5/58, विनीत खंड, गोमती नगर, लखनऊ (उप्र)
मो. 94798-87966