जहाँ पर रात होती है
वहाँ तारे भी होते हैं
जहाँ पर आँख होती है
वहाँ इशारे भी होते हैं
गिरता है कोई जब;
प्रेम के दरिया में आकर के
तो बनकर के पतवार उसे
हम संभाले होते हैं
जहाँ पर रात होती है……………………………
जहाँ पर देर होती हैं
वहाँ हम पहले होते हैं
जीतेंगे प्रेम को हम
हुकुम के ऐसे अनेक
दहले भी होते हैं
जहाँ पर रात होती
वहाँ तारे भी होते हैं
✍️पुष्पेन्द्र सिंह ‘निरंकुश’