नई दिल्ली । दिगम्बर/श्वेताम्बर जैन समाज के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर श्री सम्मेद शिखर जी को पवित्र स्थल क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ी पौरोणिक काल से ही जैन धर्म के अनुयायिओं का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र रहा है। जैन धर्म के कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली होने के कारण संपूर्ण जैन समाज के लिये श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ का कण-कण एक मंदिर परिसर के समान पूज्यनीय एवं वंदनीय है। साल के बारहों महीनें विश्व भर से लाखों जैन तीर्थयात्री बेहद श्रद्धाभाव के साथ व्रत धारण कर नंगे पैर और शुद्ध सूती वस्त्रों में शरीर को गला देने वाली ठंड या फिर झुलसा देने वाली गर्मी में झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी की 27 किलोमीटर की इस बेहद कठिन चढ़ाई वाले पहाड़ पर वंदना करने जाते है। सभी जैन तीर्थयात्री पारसनाथ पहाड़ की पवित्रता अक्षुण्ण बनाए रखने को अपना सर्वोच्च कर्तव्य समझते है ।
उन्होंने पत्र में प्रधानमंत्री से कहा कि कुछ महीनों से श्रद्धा के इस अक्षुण्ण तीर्थ स्थल की पवित्रता और सुचिता को सैर सपाटे व पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। पिकनिक, ट्रेकिंग या फिर मात्र मनोरंजन के लिये आने वाले यात्री इस पवित्र पहाड़ पर मांसाहार व शराब का सेवन करते पाए गए हैं जो अहिंसा व शान्ति प्रेमी जैन समुदाय के लिये बेहद पीड़ाजनक है साथ ही साथ कभी भी कोई छोटी सी चिंगारी इस पूरे क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश में एक बड़े विवाद व विरोध का कारण बन सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री से क्षेत्र में मांसाहार व शराब के विक्रय के साथ-साथ सेवन के भी कड़े प्रतिबंध व दण्ड को लेकर राजाज्ञा जारी करने की मांग की है।