इन्दौर । ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा विश्व शांति के लिए आयोजित तीन दिवसीय योग साधना शिविर के अंतिम दिन मंगलवार 18 जनवरी को विश्व शांति के प्रणेता प्रजापिता ब्रह्माबाबा की 53वीं पुण्य स्मृति दिवस विश्व भर में विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय मुख्यालय न्यू पलासिया स्थित ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह ज्ञान शिखर ओमशांति भवन में इन्दौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने पिताश्री ब्रह्माबाबा जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्माबाबा निराकार परमात्मा शिव के विश्व परिवर्तन के कर्तव्य के साकार माध्यम बने। सन 1936 में उन्हें परमात्मा शिव ने कलयुगी दुःख भरे संसार को सुखमय सृष्टि नई दुनिया के रूप में निर्माण करने का साक्षात्कार कराया। तब से ही ब्रह्माबाबा ने ईश्वर में सम्पूर्ण निश्चय रख ईश्वर आज्ञा से अपना सब कुछ सर्वस्व समर्पण कर दिया। वे स्वयं को परमात्मा का इंस्ट्रूमेंट समझते थे। उन्होंने परमात्मा की हर आज्ञा को पहले स्वयं के जीवन में आत्मसात किया फिर सर्व को स्नेह भरी शिक्षा के साथ-साथ परिवर्तन के लिए सहयोग भी प्रदान किया। बाबा ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कभी झूठ का सहारा नहीं लिया। वे सत्यता के अवतार थे | उनका जीवन दोसरो के लिए प्रकाश स्तम्भ था।
इस अवसर पर संस्था के माउंट आबू मुख्यालय के अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार बृजमोहन भाईजी ने अपने ऑनलाइन उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय हरेक मनुष्य को मानसिक शांति और शक्ति की बहुत जरूरत है जो राजयोग मेडिटेशन से ही प्राप्त होती है। हम सब मिलकर ऐसी योग की अग्नि जलाये जिससे आत्मा में चढ़े हुए विकारों की मैल समाप्त हो आत्मा अपने सतोप्रधान स्वरुप में वापिस आ जाये और प्रकृति के तत्वों को भी सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सतोप्रधान बनाये।
इस अवसर पर माउंट आबू स्थित ब्रह्माबाबा की समाधि शांति स्तम्भ की प्रतिकृति पर सभी भाई बहनों ने मौन रहकर ब्रह्माबाबा को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए विशेष मेडिटेशन कर शांति के प्रकम्पन प्रसारित किये। आत्माओं के बीच भाईचारा, प्रेम एवं सद्भाव बढ़ाने का संकल्प लिया। साथ ही ब्रह्माबाबा के जीवन वृत्त पर आधारित नव निर्मित शार्ट फिल्म प्रदर्शित की गई।