शिव शंकर भोले महादेवा हे! त्रिपुरारी,
माता गौरी शंकर को थी जो अति प्यारी ।
गणपति विघ्न विनाशक रिद्धि सिद्धि की दाता न्यारी,
ब्रह्द पुत्र कार्तिकेय थे मोर की करते सवारी। ।
भोला हैं शिव अविनाशी इष्टदेव है मेरा,
संग में माता पार्वती भरे सुहाग घनेरा।
भोला वरदानी है जग के सुख का पालक,
थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न होता दुख का घालक।
हनुमंता के रूप में लिया नया अवतार ,
श्री मनोकामना पूर्ति को सम्मुख है करतार।
आजीवन ब्रह्मचर्य का करते पालन हनुमान,
बल बुद्धि विवेक के दाता है संकट मोचन हनुमान।
भय का कोई भूत ना आने दे प्रभु भक्तों के पास,
राम सिया संग हनुमत का नाम भरता है आस।
नित उठ पाठ जो मनु करता सत बार चालीस,
पल में दुख संकट हरते यह कलयुग के ईश।
शिव शंकर भोला भंडारी या हो हनुमत बलबीर,
दोनों ही रूप में प्रभु हरते जन जन की पीर।
नाम कई है रूप कई है अब सभी जपो धर धीर,
कारज वहीं बनाएंगे ‘अलका’ के रूद्र रूप हनु वीर।
अलका गुप्ता ‘प्रियदर्शिनी’
लखनऊ उत्तर प्रदेश
मो.7408160607