क्या कहू सनम नहीं हैं जवाब आपका।
हर _ सूं चर्चे हैं आली जनाब आपका।।
लिया है हमने घर आपके पास ही।
होता रहे दीदार अब रोज आपका।।
हम गए जब कभी अकेले बाजार में।
पूछते हैं लोग पता मकाम आपका।।
इश्क करना हमें अब _ तक आया नहीं।
पसंद आया हैं बस किरदार आपका।।
एक झलक अगर मिल जाए सनम आपकी।
हो राहगीर भी चलता मुरीद आपका।।
वो छुप _ छुप कर हसना मुस्कराना तेरा।
मेरे कत्ल मैं आएगा नाम आपका।।
गाफिल हैं हम फिर भी कोई पूछ लें।
लबों पर आएगा एक नाम बस आपका।।
राह देखी हमने सुबह _ शाम आपकी।
मिल जाए मनहर कोई पैगाम आपका।।
कवि मनोहर सिंह चौहान मधुकर
जावरा जिला रतलाम मध्य प्रदेश