मैं हूँ भारत का नेता

मैं हूँ भारत का नेता 

मुझे वोट चाहिए।

भले ही देश हो कंगाल पर 

मुझे जेब भर नोट चाहिए।।

प्रगति हो या न हो देश की,

मुझे अपने बंगले और कार चाहिए।

मिले नही रोजगार सामान्य को पर

 वोट बैंकिंग के लिए आरक्षण चाहिए।

स्कूल में हो  टीचर आरक्षित,चाहे ज्ञान न हो 

तनिक भी  पर डिग्री ब एड पास चाहिए।

विकास होगा तो कैसे होगा 

इस कि मुझ को फिक्र नहीं।

,देश मे न्यूनतम अंक वाले 

डॉक्टर और इंजीनियर बनेंगे।

99% वाले विदेशों में जॉब करेंगे।

है तकनीकी विकसित ,फिर भी लाचार कहलाते है।

मेरे देश के युवा  भ्रष्टाचार की मार से मारे जाते है।

मैं भारत का नेता हूँ 

जनता को मस्जिद और मंदिर में लड़वाता हूँ।

स्कूल कॉलेज बंद रखूंगा पर 

शराब खाने खुले रहने रखवाता हूँ।

रोजगार के नाम पर चाय पकोड़े के व्यवसाय और 

गरीबों को फ्री का राशन दे कर अपनी कुर्सी बचाता हूँ।

सांसद बन कर फ्री की बिजली ,फ्री के बंगले 

संग नौकर और गाड़ी भी मुफ्त चाहता हूँ।

मैं भारत का नेता हूँ।।

संध्या चतुर्वेदी

मथुरा,उप