प्यार का आधार

कृष्ण कहूँ, कान्हा कहूँ, मोहन कहूँ या मुरारी,

सत्यभामा नाथ कहूँ, या मीरा का घनश्याम कहूँ।

तुम्हें प्यार का आधार कहूँ मैं, ओ मेरे बिहारी,

राधे  चितचोर कहूँ, या माखन मिश्री चोर कहूँ।

नंद के गोपाल कहूँ, या वसुदेव वत्स कहूँ।

तुम्हें प्यार का आधार कहूँ, मैं ओ मेरे बनवारी।

देवकी के लाल कहूँ, यशुमति के पाल्य कहूँ।

ग्वालों के गोपाल कहूँ,यमुना का सुधार कहूँ।

तुम्हें प्यार का आधार कहूँ,मैं ओ मेरे गिरधारी।

गोविन्द कहूँ, गोपाल कहूँ, द्वारिका के नायक कहूँ।

मथुरा नाथ कहूँ या,कंस संघारक कहूँ।

तुम्हें प्यार का आधार कहूँ,मैं ओ मेरे मुरलीधारी।

संसार वैरी कहूँ कंसारि कहूँ,या कृष्णावतार कहूँ।

शिशुपालशिरश्छेत कहूँ,या द्रौपदी चीर रक्षक कहूँ।

तुम्हें प्यार का आधार कहूँ, मैं ओ मेरे बंसीधारी।

इलापति यादवेन्द्र कहूँ, या जगदगुरू जगन्नाथ कहूँ।

पार्थ सारथी कहूँ या,गीता मृत महोदधि कहूँ।

पूतना के तारक कहूँ,या कालिया उद्धारक कहूँ|

तुम्हें प्यार का आधार कहूँ, मैं ओ मेरे बाके बिहारी।

सुनीता सिंह सरोवर

उमा नगर,देवरिया-उत्तर प्रदेश