“वंदेमातरम “

सब देशों से बात अलग है ,मेरे हिन्दुस्तान की

गौरव गाथा गाती हूं मैं भारत देश महान की

तपोभूमि यह ॠषि मुनियों की

वेदों की यहां वाणी है

अमृत की बूंदों के जैसा गंगा जी का पानी है

राम-कृष्ण की कर्मभूमि यह, और गीता के ज्ञान की

गौरव गाथा गाती हूं मैं भारत देश महान की।।

गौरवशाली रहा सदा इतिहास हमारी माटी का

कुदरत ने श्रंगार किया है फूलों वाली घाटी का

तुंग हिमालय के शिखरों पर लाली सुर्ख विहान की

गौरव गाथा गाती हूं भारत देश महान की

लक्ष्मीबाई, वीर शिवाजी, राणा की तलवारों ने

धूल चटा दी थी दुश्मन को रणवीरों के वारों ने

वीरभूमि कहलाती अब भी

धरती राजस्थान की!

गौरव गाथा••••••

नागार्जुन और आर्यभट्ट ने गणना जग को सिखलाई 

पतंजलि और चरक ॠषि ने शल्य चिकित्सा बतलाई

वर्षों पहले भरद्वाज ने रचना करी  विमान की

गौरव गाथा•••

यहां अजंता और एलोरा,अद्भुत गुप्त गुफाएं हैं

ताजमहल की श्वेत दिवारें, कहतीं प्रेम कथाएं हैं

लाल किले की प्राचीरों पर लिखी कथा बलिदान की

गौरव गाथा•••••••

शत्रु बैठे आंख गड़ाए चौकस अब रहना होगा

देख हवाओं का रुख हमको उसी तरह बहना होगा

हमें सुरक्षा करनी होगी भारत के सम्मान की

गौरव गाथा गाती हूं मैं भारत देश महान की!!!!

रश्मि मिश्रा ‘रश्मि’

भोपाल (मध्यप्रदेश )