गीत 

प्यार नहीं देखे है सरहद ,

बंधन कभी नहीं माने !

जब भी प्यार हुआ है अकसर ,

होता है वह अनजाने !!

दिल मिलते हैं होती हलचल ,

कैसा ताना बाना है !

जिसे न देखा कभी सामने ,

लगता वह पहचाना है !

बना अजनबी पल में अपना ,

काँटों के हैं सिरहाने !!

पवन बिखेरे जब जब खुशबू ,

यादें तब हैं लहराई !

मनहारी छवि रहे उभरती ,

अँखियाँ लगती मदमाई !

चाह अनूठी आहें भरती ,

भाव जगे हैं मनमाने !!

थाप पड़ी है मन के द्वारे ,

जग की अब परवाह कहाँ !

अपनी धुन में रमा करें है ,

सब रूठे से लगे यहाँ !

ठगे गए तो जाने क्या हो ,

ख्वाब लगे जो ललचाने !!

बृज व्यास 

शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

9425428598