हर प्रश्नों का हल देना है।
हमको सुंदर कल देना है।।
पानी खूब बचाओ यारों।
धरती को संबल देना है।।
पीपल – नीम सरीखे वृक्ष।
लगाकर अमृत दल देना है।।
सूख रही सारी नदियों को।
राहें स्वच्छ सरल देना है।।
प्यास बुझाना है भविष्य का।
निर्मल मीठा जल देना है।।
खनिज श्यामला की शक्ति है।
इसे बचाकर बल देना है।।
जैविक जीवन है खेतों का।
उत्तम स्वस्थ फसल देना है।।
जंतु -वनस्पति की रक्षा में।
अपना अब हर पल देना है।।
क्रियाशील रहकर जीवन में।
आए हैं तो फल देना है।।
स्वर्ग उतारेंगे धरती पर।
हरा भरा अविरल देना है।।
सुख-दुख में सहभागी बनकर।
कर विश्वास अटल देना है।।
हम एकाकी नहीं रहेंगे।
सबका साथ अचल देना है।।
दल-दल में फंसने से अच्छा।
सब कुछ आज बदल देना है।।
आकाक्षा रूपा चचरा,
कटक-ओडिशा