आ जाओ परदेसी देख ले मेरा गांव
खिलती कलियां, महकती बगिया
खिलखिलाते बच्चे, टहलते पशु –
पक्षियों की चहचहाहट चारों ओर
आजा परदेसी देख ले मेरा गांव
हर नुक्कड़ पर टोली लोगों की
हर घर -आंगन में आदर बूढ़ों का
रहते सभी मिलजुल एक दूजे के साथ
आ जाओ परदेसी देख ले मेरा गांव
खेतों में जाते लोगों को
मेहनत करता पूरा परिवार
रोटी लेकर जाती मां को देख ले
आजा परदेसी देख ले मेरा गांव
बड़ी-बड़ी गाड़ियां तो नहीं पर
बेलगाड़ी दौड़ती है गलियों में
तालाब पर जाते पशुओं को
आ जाओ परदेसी देख ले मेरा गांव
घुंघट में पानी लाती औरतों को
लोगों का लोगों के प्रति प्रेम देख लो
फसल कटाई पर एकजुट गांव वालों को
आ जाओ परदेसी देख ले मेरा गांव
सीमा रंगा इन्द्रा
हरियाणा