स्त्री एक साथ कई दायित्व निभाती है- डॉ विकास दवे

भोपाल। साहित्य अकादमी, संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त आयोजन में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर परिवार विमर्श पर व्याख्यान एवं मातृशक्ति सम्मान का कार्यक्रम आज 8 मार्च, 2022 को सायं 4.00 बजे राज्य संग्रहालय, श्यामला हिल्स,में सम्पन्न हुआ।
डॉ विकास दवे ने कहा कि स्त्री एक साथ कईं दायित्व निभाती हैं। कभी वो अर्थशास्त्री है तो कभी समाजशास्त्री,कभी कुशल प्रबंधक तो कभी शिक्षिका। मुख्य अतिथि एडीजी अनुराधा शंकर ने कहा कि एशिया के अधिकांश देशों में परिवार माता-पिता तक सीमित नहीं है मामा बुआ मौसी नानी दादी काका, ताऊ सभी परिवार के सदस्य होते हैं अब तो सब बहन जी छोड़कर मेम या मैडम कहने लगे हैं हम परिवार को लेकर नहीं चलते हैं तो परिवार का समायोजन अहंकार के दम पर नहीं होता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. कविता भट्ट ने कहा कि हमारे यहां तो पहले से ही नारी को पूछने की धारणा रही है। शंकर जी का परिवार एक आदर्श परिवार है जिसमें नंदी मोर सर्फ चूहा सब उनके परिवार के सदस्य हैं जो एक दूसरे में शत्रु स्वभाव के हो कर भी मिलजुल रहते है। पारिवारिक विखंडन युवाओं को विनाश की ओर धकेल रहा है। कार्यक्रम की संयोजक डॉ साधना बलवटे ने कहा कि भारतीय परम्परा में सम्पूर्ण प्रकृति मेरा परिवार है,मेरी मुंडेर पर बैठी चिड़िया से लेकर गाय कुत्ते, वनस्पति सब मेरे परिवार हैं। साहित्य अकादमी, संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन, साहित्य अकादमी एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त आयोजन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों की मातृशक्तियोंका सम्मान
2.डॉ. कविता भट्ट, श्रीनगर ( योग एवं दर्शन)
3.डॉ. प्रीति देवपुजारी(चिकित्सा सेवा)
4.डॉ. मंदाकिनी शर्मा (साहित्य)
5.श्रीमती कमलदीप सलूजा ( समाज सेवा)
6.सुश्री हेमलता शर्मा भोली बेन ( ऑंचलिक बोली सेवा)