प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के काराकाट में 48,520 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

  • जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया- प्रधानमंत्री
  • भारत की बेटियों के सिंदूर की शक्ति क्या होती है यह पाकिस्तान ने भी देखी और दुनिया ने भी देखी: प्रधानमंत्री
  • बिहार के लोगों की लंबे समय से मांग थी कि पटना एयरपोर्ट के टर्मिनल को आधुनिक बनाया जाए… अब ये मांग भी पूरी हो गई है- प्रधानमंत्री
    सासाराम । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के काराकाट में 48,520 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इस पवित्र भूमि पर बिहार के विकास को गति देने का सौभाग्य मिला है और उन्होंने 48,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें आशीर्वाद देने के लिए आए विशाल जनसमूह का आभार व्यक्त किया और बिहार के प्रति उनके स्नेह और प्रेम के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और जोर देकर कहा कि वे हमेशा उनके समर्थन को सर्वोच्च सम्मान देते हैं। उन्होंने बिहार की माताओं और बहनों के प्रति असीम सम्मान व्यक्त किया। सासाराम के महत्व पर टिप्पणी करते हुए तथा इस बात पर बल देते हुए कि इसका नाम भी भगवान राम की विरासत को दर्शाता है, श्री मोदी ने भगवान राम की वंशावली की गहरी जड़ों वाली परंपराओं पर प्रकाश डाला, तथा अटूट प्रतिबद्धता के सिद्धांत- एक बार जो वादा किया जाता है, उसे पूरा किया जाना चाहिए- को रेखांकित किया। उन्होंने पुष्टि की कि यह मार्गदर्शक तत्व अब न्यू इंडिया की नीति बन गया है। श्री मोदी ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले को याद किया, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि जघन्य हमले के ठीक एक दिन बाद, उन्होंने बिहार का दौरा किया था तथा राष्ट्र के समक्ष यह पवित्र संकल्प किया था कि आतंक के साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें ऐसी सजा मिलेगी, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज, जब मैं एक बार फिर से बिहार में आया हूं, तो उस प्रतिज्ञा को पूरा कर चुका हूं। श्री मोदी ने कहा, “जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया।” उन्होंने कहा, भारत की बेटियों के सिंदूर की शक्ति क्या होती है, यह पाकिस्तान ने भी देखी और दुनिया ने भी देखी। उन्होंने कहा कि जो आतंकवादी कभी पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में खुद को सुरक्षित महसूस करते थे, उन्हें भारत की सेना ने एक ही निर्णायक कार्रवाई में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठान मिनटों में नष्ट कर दिए गए। उन्होंने कहा, यह नया भारत है – अपार शक्ति और गतिशीलता वाला भारत।
    प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार वीर कुंवर सिंह की भूमि है, जो अपनी वीरता के लिए जानी जाती है। उन्होंने देश की रक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सेवा देने वाले बिहार के हजारों युवाओं के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ द्वारा दिखाए गए असाधारण पराक्रम और अदम्य साहस पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया ने उनकी अद्वितीय बहादुरी देखी है। प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि भारत की सीमाओं पर तैनात बीएसएफ के जवान सुरक्षा की अटूट ढाल हैं, जिनका सबसे पहला कर्तव्य भारत माता की रक्षा करना है। उन्होंने बिहार के वीर सपूत के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए सीमा पर अपना कर्तव्य निभाते हुए 10 मई को शहीद हुए बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर श्री इम्तियाज को भी श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने बिहार से अपने वक्तव्य को दोहराते हुए रेखांकित किया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत द्वारा प्रदर्शित शक्ति उसके तरकश का मात्र एक तीर थी।
    श्री मोदी ने कहा, भारत की लड़ाई देश के हर दुश्मन के खिलाफ है, चाहे वे सीमा पार से हों या देश के अंदर। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार ने देखा है कि पिछले कुछ वर्षों में हिंसक और विघटनकारी ताकतों का सफाया कैसे किया गया है। उन्होंने सासाराम, कैमूर और आसपास के जिलों की पिछली स्थितियों को याद करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक समय नक्सलवाद इस क्षेत्र पर हावी था और बंदूकों से लैस नकाबपोश आतंकवादियों का डर लोगों के लिए लगातार खतरा बना रहता था। श्री मोदी ने कहा कि सरकारी योजनाओं की घोषणा तो की जाती थी, लेकिन वे अक्सर नक्सल प्रभावित गांवों में लोगों तक नहीं पहुंच पाती थी, जहां न तो अस्पताल हैं और न ही मोबाइल टावर। यहां तक कि स्कूल भी जला दिए जाते थे। सड़क निर्माण श्रमिकों को अक्सर निशाना बनाया जाता था और उनकी हत्या कर दी जाती थी। श्री मोदी ने कहा कि इन तत्वों को बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने सराहना की कि इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, नीतीश कुमार ने विकास की दिशा में काम किया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2014 के बाद से इस दिशा में प्रयासों में काफी तेजी आई है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि माओवादियों को उनके कृत्यों के लिए न्याय के कटघरे में लाया गया और युवाओं को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि 11 वर्षों के दृढ़ प्रयासों के परिणाम अब दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत में 125 से अधिक जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, लेकिन आज केवल 18 जिले ही प्रभावित हैं। श्री मोदी ने कहा, हमारी सरकार न केवल सड़कें बल्कि रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करा रही है, वह दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, गांवों में निर्बाध शांति, सुरक्षा, शिक्षा और विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न तो रुकी है और न ही धीमी हुई है। उन्होंने कहा, अगर आतंकवाद फिर से अपना सिर उठाता है, तो भारत उसे उसके छिपने के स्थान से बाहर निकालेगा और निर्णायक रूप से कुचल देगा।
    इस बात पर जोर देते हुए कि सुरक्षा और शांति विकास के नए रास्ते खोलती है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जंगल राज सरकार के जाने के बाद बिहार समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि टूटी हुई सड़कें, खस्ताहाल रेलवे और सीमित उड़ान कनेक्टिविटी के दिन अब अतीत की बात हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कभी केवल एक हवाई अड्डा था – पटना हवाई अड्डा – लेकिन आज, दरभंगा हवाई अड्डा कार्यशील है, जो दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए सीधी उड़ानें प्रदान करता है, प्रधानमंत्री ने पटना हवाई अड्डे के टर्मिनल के आधुनिकीकरण के लिए बिहार के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार किया और पुष्टि की कि यह मांग अब पूरी हो गई है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कल शाम उन्हें पटना हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला, जो अब एक करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहटा हवाई अड्डे में 1,400 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
    बिहार में चार लेन और छह लेन की सड़कों के व्यापक विकास पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने पटना से बक्सर, गया से डोभी और पटना से बोधगया को जोड़ने वाले राजमार्गों सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी से प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने पटना-आरा-सासाराम ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का भी उल्लेख किया, जहां काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने गंगा, सोन, गंडक और कोसी जैसी प्रमुख नदियों पर नए पुलों के निर्माण की जानकारी दी और बिहार के लिए नए अवसरों और संभावनाओं को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपये की ये परियोजनाएं हजारों युवाओं के लिए रोजगार सृजित कर रही हैं और क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार दोनों को बढ़ावा दे रही हैं।
    बिहार के रेलवे बुनियादी ढांचे में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने बिहार में विश्वस्तरीय वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत और रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और तिहरेकरण की चल रही प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छपरा, मुजफ्फरपुर और कटिहार जैसे क्षेत्रों में में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सोन नगर और अंडाल के बीच मल्टी-ट्रैकिंग का काम चल रहा है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही में काफी सुधार होगा। श्री मोदी ने यह भी घोषणा की कि अब सासाराम में 100 से अधिक ट्रेनें रुकती हैं, जो इस क्षेत्र की बढ़ती कनेक्टिविटी को दर्शाता है। उन्होंने पुष्टि की कि लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है, साथ ही रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
    प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ये विकास पहले भी क्रियान्वित किए जा सकते थे, लेकिन बिहार की रेलवे प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों ने निजी लाभ के लिए भर्ती प्रक्रियाओं का फायदा उठाया और लोगों को उनके सही अवसरों से वंचित किया। उन्होंने बिहार के लोगों से उन लोगों के धोखे और झूठे वादों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया, जिन्होंने पहले जंगल राज के तहत शासन किया था। यह रेखांकित करते हुए कि बिजली के बिना विकास अधूरा है, उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रगति और जीवन की सुगमता विश्वसनीय बिजली आपूर्ति पर निर्भर करती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने पिछले कुछ वर्षों में बिजली उत्पादन पर काफी ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले की तुलना में बिहार में बिजली की खपत चार गुना बढ़ गई है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि नबीनगर में 30,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक प्रमुख एनटीपीसी बिजली परियोजना निर्माणाधीन है और यह परियोजना बिहार को 1,500 मेगावाट बिजली प्रदान करेगी। उन्होंने बक्सर और पीरपैंती में नए थर्मल विद्युत संयंत्रों की शुरुआत पर भी प्रकाश डाला।
    भविष्य पर ध्यान देने, विशेष रूप से बिहार को हरित ऊर्जा की ओर आगे बढ़ाने पर सरकार के फोकस को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने राज्य की अक्षय ऊर्जा पहल के हिस्से के रूप में कजरा में एक सौर पार्क के निर्माण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की कि पीएम-कुसुम योजना के तहत, किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से आय उत्पन्न करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जबकि अक्षय कृषि फीडर खेतों को बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं, जिससे कृषि उत्पादकता में और सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, लोगों के जीवन में सुधार हुआ है, और महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आधुनिक बुनियादी ढाँचा गाँवों, गरीबों, किसानों और छोटे उद्योगों को सबसे अधिक लाभ पहुँचाता है, क्योंकि वे बड़े राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य में नए निवेश से नए अवसर पैदा होते हैं और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। पिछले साल आयोजित बिहार बिजनेस समिट- जहां बड़ी संख्या में कंपनियां राज्य में निवेश करने के लिए आगे आईं- को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि राज्य के भीतर औद्योगिक विकास से श्रमिकों के पलायन की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे लोगों को उनके घर के पास ही रोजगार मिल जाता है। उन्होंने कहा कि बेहतर परिवहन सुविधाएं किसानों को अपनी उपज को अधिक दूरी तक बेचने में सक्षम बनाती हैं, जिससे कृषि क्षेत्र को और मजबूती मिलती है।
    बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में 75 लाख से अधिक किसान पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की और जोर देकर कहा कि बिहार के मखाना को जीआई टैग दिया गया है, जिससे मखाना किसानों को अत्यंत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण संस्थान की घोषणा भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए धान सहित 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी है और जोर देकर कहा कि इस निर्णय से किसानों की उपज का बेहतर मूल्य सुनिश्चित होगा और उनकी आय बढ़ेगी।
    विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने बिहार को सबसे अधिक धोखा दिया है, वे अब सत्ता हासिल करने के लिए सामाजिक न्याय के झूठे आख्यानों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनके शासन के दौरान, बिहार के गरीब और हाशिए के समुदायों को बेहतर जीवन की तलाश में राज्य छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा, “दशकों तक, बिहार में दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासी समुदायों के पास बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं भी नहीं थीं”, उन्होंने जोर देकर कहा कि ये समुदाय बैंकिंग की सुविधा से वंचित थे, अक्सर उन्हें बैंकों में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था और व्यापक स्तर पर बेघर बने रहे। लाखों लोगों के पास उचित आश्रय नहीं था। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या पिछली सरकारों के दौरान बिहार के लोगों द्वारा सहे गए दुख, कठिनाई और अन्याय ही विपक्षी दलों द्वारा वादा किया गया सामाजिक न्याय था। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे बड़ा कोई अन्याय नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि विपक्ष ने कभी भी दलितों और पिछड़े समुदायों के संघर्षों की वास्तव में परवाह नहीं की और बिहार के विकास की दिशा में काम करने के बजाय बिहार की गरीबी को दिखाने के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को लाने के लिए उनकी आलोचना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जबकि दलितों, हाशिए पर पड़े समूहों और पिछड़े समुदायों ने विपक्ष की गलत कृत्यों के कारण उससे दूरी बना ली है, पार्टी सामाजिक न्याय का हवाला देकर अपनी पहचान पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।
    इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि उनकी सरकार के तहत, बिहार और देश ने सामाजिक न्याय की एक नई सुबह देखी है, श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार ने गरीबों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित की है और इन लाभों को 100 प्रतिशत पात्र प्राप्तकर्ताओं तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चार करोड़ नए घर उपलब्ध कराए गए हैं, और लखपति दीदी पहल के माध्यम से तीन करोड़ महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब 12 करोड़ से अधिक घरों में नल के पानी के कनेक्शन हैं, जिससे पूरे देश में जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक बुजुर्ग नागरिक को 5 लाख रुपये तक के निशुल्क उपचार का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए हर महीने निशुल्क राशन दिया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा, हमारी सरकार हर गरीब और वंचित व्यक्ति के साथ मजबूती से खड़ी है और उनकी भलाई तथा उत्थान सुनिश्चित कर रही है।
    प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी गांव या पात्र परिवार उसके कल्याणकारी कार्यक्रमों से वंचित न रहे और उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि बिहार ने इसी विजन के साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर समग्र सेवा अभियान शुरू किया है। उन्होंने रेखांकित किया कि इस अभियान के तहत सरकार 22 अनिवार्य योजनाओं के साथ गांवों और समुदायों तक एक साथ पहुंच रही है और इसका उद्देश्य दलितों, महादलितों, पिछड़े वर्गों और गरीबों को सीधे लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 30,000 से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और लाखों लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब सरकार सीधे लाभार्थियों तक पहुंचती है, तो भेदभाव और भ्रष्टाचार खत्म हो जाता है और इसे एक ऐसा दृष्टिकोण बताया जो सामाजिक न्याय का सच्चा अवतार है।
    बिहार को बाबा साहब अंबेडकर, कर्पूरी ठाकुर, बाबू जगजीवन राम और जयप्रकाश नारायण द्वारा कल्पित बिहार में बदलने के विजन को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अंतिम लक्ष्य एक विकसित बिहार है, जो एक विकसित भारत में योगदान दे। उन्होंने कहा कि जब भी बिहार ने प्रगति की है, भारत ने विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सभी लोग मिलकर विकास की गति को तेज करेंगे। उन्होंने इन विकासात्मक पहलों के लिए लोगों को बधाई दी।
    इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी, श्री गिरिराज सिंह, श्री राजीव रंजन सिंह, श्री चिराग पासवान, श्री नित्यानंद राय, श्री सतीश चंद्र दुबे, डॉ. राज भूषण चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
  • पृष्ठभूमि
    क्षेत्र में बिजली के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने औरंगाबाद जिले में 29,930 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली नबीनगर सुपर थर्मल पावर परियोजना, चरण-II (3×800 मेगावाट) की आधारशिला रखी, जिसका उद्देश्य बिहार और पूर्वी भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और क्षेत्र में किफायती बिजली उपलब्ध होगी। क्षेत्र में सड़क अवसंरचना और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने एनएच-119ए के पटना-आरा-सासाराम खंड को चार लेन का बनाने, वाराणसी-रांची-कोलकाता राजमार्ग (एनएच-319बी) और रामनगर-कच्ची दरगाह खंड (एनएच-119डी) को छह लेन का बनाने और बक्सर और भरौली के बीच एक नए गंगा पुल के निर्माण सहित विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं राज्य में निर्बाध हाई-स्पीड कॉरिडोर बनाने के साथ-साथ व्यापार और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देंगी। उन्होंने एनएच-22 के पटना-गया-डोभी खंड को चार लेन का बनाने का भी उद्घाटन किया, जिसकी लागत लगभग 5,520 करोड़ रुपये है और एनएच-27 पर गोपालगंज टाउन में एलिवेटेड हाईवे को चार लेन का बनाने और ग्रेड सुधार का भी उद्घाटन किया।देश भर में रेल अवसंरचना में सुधार लाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने अन्य परियोजनाओं के अतिरिक्त 1330 करोड़ रुपये की लागत वाली सोन नगर-मोहम्मद गंज के बीच तीसरी रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित की।