पलकों से हवा में खास लिखाl।
उन्होंने ख्वाबों में एहसास लिखा,
पलकों से हवा में खास लिखाl।
क्यों इतना फासला रखते हो ।
किस्मत नें तो आसपास लिखा ।
लहराती जुल्फें,सांसो की खुशबू।
रब ने मुझे इसी की तलाश लिखा ।
खामोश कदम, महकती परछाइयां।
सजदे में किसी ने अरदास लिखा ।
बंद नहीं हसीन पलकें रातों में भी।
यूँ ही इश्क का पर्दाफाश लिखा ।
ख्वाबों में ही आती हो, संजीव।
नींदों ने गीतों में उल्लास लिखा।
संजीव ठाकुर चौबे कॉलोनी, रायपुर 62669 19992,90094 15415wt