सामाजिक संस्थाओं को जन-कल्याण कार्यों के लिए मंच प्रदान करे जन-अभियान परिषद: मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर सेवाएँ देने स्वैच्छिक संगठनों का जाल बिछाने के लिए जन-अभियान परिषद की महत्वपूर्ण और नेतृत्वकारी भूमिका है। परिषद की टीम एक जुनून के साथ समर्पित और मिशन के भाव से कार्य करती है। परिषद के पदाधिकारी इस आग को बुझने न दें। परिषद द्वारा उन संस्थाओं को मंच भी उपलब्ध करवाया जाए, जो विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्यों के इच्छुक हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान रविद्र भवन, भोपाल में समृद्ध योजना में म.प्र. जन अभियान परिषद के अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में प्रदेश से आए प्रतिभागी शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप जला कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। म.प्र. जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्षद्वय डॉ. जितेंद्र जामदार (जबलपुर) और विभाष उपाध्याय (उज्जैन) के अलावा परिषद के महानिदेशक बी.आर. नायडू और परिषद के कार्यपालक निदेशक धीरेंद्र कुमार पांडे एवं प्रमुख सचिव मुकेश गुप्ता उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “मैं कोरोना वालेंटियर के अंतर्गत कार्यक्रम का प्रक्रिया दस्तावेजी करण और प्रभावशीलता का अध्ययन” प्रतिवेदन का विमोचन किया। यह प्रतिवेदन मध्यप्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान, उज्जैन की तरफ से प्रोफेसर यतीन्द्र सिंह सिसोदिया और डॉ. मनु गौतम ने तैयार किया है।

  • जन-अभियान परिषद ही कर सकती है संस्थाओं का नेतृत्व
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सामाजिक क्षेत्र में अच्छे कार्य हो रहे हैं। जन-अभियान परिषद के मार्गदर्शन में संस्थाएँ आम जनता के हित में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। एक समय था जब इस परिषद के अस्तित्व पर प्रश्न-चिन्ह लगा दिया गया था। परिषद सामाजिक संस्थाओं की अम्ब्रेला है। समर्पण का यह भाव तिरोहित नहीं होना चाहिए। नागरिकों में भी समाज सेवा का जज्बा है। उन्हें एक प्रामाणिक संस्था की आवश्यकता होती है। जन-अभियान परिषद ही सामाजिक संस्थाओं का नेतृत्व बेहतर तरीके से कर सकती है।
  • महिला स्व-सहायता समूहों के कार्य किसी आंदोलन से कम नहीं
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूह के कार्य किसी आंदोलन से कम नहीं है। इन समूहों ने अद्भुत कार्य किया है। एक समय था जब मध्यप्रदेश में महिलाएँ परिवार की भूमिका तक सीमित थीं। आज 20 हजार करोड़ रूपये से अधिक का टर्नओवर स्व-सहायता समूहों का है। समूहों की गतिविधियों से महिलाओं ने आर्थिक प्रगति हासिल की है। उनका आत्म-विश्वास भी बढ़ा है। आँगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधाजनक बनाने के अभियान में भी महिला वर्ग सहयोग कर रहा है।
  • सामाजिक संस्थाएँ आँगनवाड़ियों को सक्षम बनाये
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सीहोर जिले के ग्राम जैत में आँगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चे कम वजन के थे। समाज के सहयोग से इन केन्द्रों में पौष्टिक खाद्य सामग्री पहुँचाने के अभियान के बाद अब कोई बच्चा अंडर वेट नहीं है। इंदौर और भोपाल नगरों में आँगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए खिलौने और अन्य सामग्री एकत्र करने के आहवान पर शानदार परिणाम सामने आए। मैं जब ठेला लेकर निकला तो एक-दो घंटे में जन सहयोग से भोपाल में 10 ट्रक और इंदौर में 40 ट्रक आवश्यक सामग्री से भर गए। यही नहीं भोपाल में एक करोड़ 86 लाख और इंदौर में करीब 06 करोड़ की राशि चेक के माध्यम से दान-दाताओं द्वारा प्रदान की गई। इस राशि से आँगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधाजनक बनाने और सँवारने में मदद मिलेगी। हर शहर में ठेला चलना चाहिए, ग्रामों में भी चलना चाहिए, किसानों से गेहूँ, चना और मूंग प्राप्त कर आँगनवाड़ी केन्द्रों को सहयोग किया जाए। सामाजिक संस्थाएँ उत्प्रेरक का कार्य करें। बहुत अच्छा होगा यदि सभी स्वैच्छिक संगठन इस महत्वपूर्ण अभियान से जुड़ जाएँ। आँगनवाड़ी केन्द्रों को व्यक्ति और संस्था स्तर पर गोद लेकर बेहतर बनाने का कार्य किया जाए।
  • अमृत सरोवरों के निर्माण और जलाभिषेक अभियान में जुटे
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव में प्रत्येक जिले में अमृत सरोवरों के निर्माण का आहवान किया है। मध्यप्रदेश में प्रत्येक जिले में गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। स्वैच्छिक संगठन भी ऐसे कार्यों से जुड़ जाएंगे, तो अमृत सरोवरों को प्रेरक स्थल बनाने में मदद मिलेगी। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर अमृत सरोवरों के पास राष्ट्र ध्वज फहराए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जलाभिषेक अभियान भी नागरिकों की सहभागिता से संचालित होता है। महाराष्ट्र के रालेगांव सिद्धि की तरह मध्यप्रदेश में भी जल-संरक्षण के क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत किए जा सकते हैं। नगरों और ग्रामों के गौरव दिवस मनाने से जन-भागीदारी में वृद्धि हो रही है। हरियाली बढ़ाने के लिए पौध-रोपण अभियान और अंकुर अभियान को भी स्वैच्छिक संगठन गति प्रदान करें। परिवारजन के जन्म-दिवस और विवाह वर्षगांठ के अवसर एवं परिवार के दिवंगत सदस्यों की याद में पौधे लगाने का कार्य किया जाए। स्वैच्छिक संगठनों द्वारा बच्चों में नेतृत्व क्षमता के विकास और व्यक्तित्व निर्माण में भी संस्थाओं का महत्वपूर्ण सहयोग हो सकता है। विभिन्न योजनाओं के लिए हितग्राहियों को लाभान्वित करने के कार्य में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका है। सामाजिक संस्थाएँ युवाओं को रोजगार के अवसर दिलवाने में भी सहयोग करें।
  • विभिन्न क्षेत्रों में मध्यप्रदेश आगे है
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अनेक अभिनव योजनाएँ लागू की हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सामाजिक संस्थाएँ सहयोग करें। मध्यप्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में पाँच वर्ष में मध्यप्रदेश में 17वें स्थान से छलांग लगाकर पाँचवें स्थान पर अपनी स्थिति प्रदर्शित की है। प्रदेश में तीन माह में 9 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसरों से जोड़ने में सफलता मिली। जन-सहयोग से अनेक क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सामाजिक संस्थाओं के सदस्य इस विचार को याद रखें कि वे सिर्फ अपने लिए नहीं है, उनकी भूमिका भारत माता के लिए है।
  • उत्तराखंड की घटना ने विचलित कर दिया
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभ में कल रात्रि सड़क दुर्घटना की जानकारी मिलने पर उत्तराखंड रवाना होने से लेकर आज दोपहर लौटने तक का वृतांत बताया। उन्होंने कहा कि पन्ना जिले की तीर्थ-यात्रियों की बस गहरी खाई में गिर गई थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा होने के बाद स्वयं भी उत्तराखंड जाने का निर्णय लिया। देर रात्रि देहरादून पहुँचने, रेस्क्यू अभियान की जानकारी लेने, घटना-स्थल जाने, दुर्घटना में मृत नागरिकों के पोस्टमार्टम और दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के समुचित उपचार की व्यवस्थाओं को खुद सुनिश्चित किया। साथ गए अधिकारी दल ने तत्परता से सभी राहत कार्यों के लिए सक्रियता दिखाई। प्रधानमंत्री श्री मोदी सहित केन्द्रीय रक्षा मंत्री, केन्द्रीय गृह मंत्री का सहयोग मिला। पन्ना के दिवंगत तीर्थ-यात्रियों के पार्थिव देह वायुसेना के विशेष विमान से आज ही खजुराहो और फिर वहाँ से सड़क मार्ग द्वारा गृह ग्रामों तक लाए जाने का प्रबंध भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में हुई इस दुर्घटना ने विचलित कर दिया था। उत्तराखंड जाए बिना न चैन मिलता, न नींद आती क्योंकि मध्यप्रदेश मेरे लिए एक मंदिर के समान है, यहाँ की जनता मेरे लिए भगवान है।
    परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान सभी वर्गों के कल्याण और उन्हें संतोष प्रदान करने का कार्य करते हैं। परिषद के पदाधिकारी प्रदेश के सभी विकासखंडों में जाकर जनता के कल्याण के कार्य करेंगे। ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य जी के दर्शन के अनुरूप आयडिया ऑफ वननेस पर अमल करते हुए स्टेच्यू ऑफ वननेस निर्मित की जा रही है। प्रदेश में परिषद द्वारा शंकराचार्य जी के भाव को प्रचारित करने की दिशा में निरंतर प्रयास होंगे। परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहित किया है। कोरोना काल में उनके नेतृत्व और महामारी के नियंत्रण के प्रयासों की प्रशंसा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई। प्रदेश में नेतृत्वशाली युवा कार्य के लिए आगे आए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान के संरक्षण में जन-अभियान परिषद एक संस्था या किसी विभाग की तरह कार्य न कर परिवार की तरह कार्य कर रही है। प्रारंभ में उत्तराखंड की सड़क दुर्घटना में दिवंगत नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई। आखिर में राष्ट्र गीत वंदे-मातरम का समूह गान हुआ।