कोरोना, मंकीपॉक्स, टोमैटो फ्लू, मर्स और नोरोवायरस जैसे आठ खतरनाक वायरसों ने दुनिया में मचाया कहर

नई दिल्ली । ढाई साल से भी ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन कोरोना से मुक्ति नहीं मिल सकी है। कोरोना के खतरे के बीच ही दुनिया में कई और खतरे भी मंडराने लगे हैं। विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि कोरोना आखिरी महामारी नहीं है। नए-नए वायरस सामने आने के बाद दुनिया पर एक और महामारी का खतरा मंडराने लगा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनिया के कई देशों में इस समय कोरोना के अलावा और भी कई गंभीर बीमारियां फैल रहीं हैं। दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स के करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा 33 देशों में बच्चों में एक्यूट हेपेटाइटिस के 650 मामले सामने आए हैं। भारत में भी कोरोना के अलावा कई दूसरी बीमारियां फैल रहीं हैं। खासकर केरल में। केरल में टोमैटो फ्लू, वेस्ट नाइल फीवर, स्वाइन फ्लू और नोरोवायरस से या तो मौत हो चुकी है या इनके मरीज मिले हैं। इस समय दुनिया में आठ तरह के वपायरस अपनी-अपनी तरह से कहर मचा रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2 जून तक दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स के 780 मामले सामने आ चुके हैं। चिंता की बात यह है कि यह बीमारी उन जगहों पर फैल रही है, जहां वायरस एंडेमिक स्टेज में नहीं है। यह संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। 29 मई तक 257 मामले सामने आए थे, जबकि 2 जून तक इनकी संख्या बढ़कर 780 पर पहुंच गई। राहत की बात यह है कि अब तक किसी की मौत नहीं हुई है। हीमोर्हैजिक फीवर बीमारी इराक में फैल रही है। इसका पूरा नाम क्रीमियन-कांगो हर्मोहेजिक फीवर है। 1 जनवरी से 22 मई तक इसके 212 मामले सामने आ चुके हैं और 7 लोगों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी संक्रमित जानवर को खाने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है।
एक्यूट हेपेटाइटिस के 650 मामले दुनिया के 33 देशों में सामने आए हैं। अभी यह बीमारी बच्चों में फैल रही है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इस बार यह बीमारी ज्यादा गंभीर है और बच्चों लिवर फेल्योर का कारण बन रही है। स्वाइन फ्लू का एक मामला जर्मनी में सामने आया था। ये मामला नॉर्थ राइन-वेस्टफालिया में सामने आया था। हालांकि, उसके बाद से यहां कोई केस सामने नहीं आया है। भारत में भी केरल के कोझिकोड में 12 साल की एक बच्ची की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी।
2012 में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी मर्स का पहला मामला सामने आया था। ये भी कोरोना वायरस फैमिली का ही वायरस है। इससे 850 से ज्यादा मौतें हुई थीं। हाल ही में ओमान में 34 साल का एक व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित मिला है। इसके बाद उसके संपर्क में 6 करीबी और 27 हेल्थकेयर वर्कर्स को आइसोलेट कर दिया गया।
पिछले महीने केरल में वेस्ट नाइल फीवर से 47 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस वायरस से केरल में तीन साल बाद किसी की मौत हुई है। इससे पहले 2019 में इससे मौत हुई थी। वेस्ट नाइल फीवर मच्छरों के जरिए इंसानों में फैलता है। केरल के ही कोल्लम जिले में पिछले महीने 80 बच्चे टोमैटो फ्लू से संक्रमित मिले थे। इस बीमारी से संक्रमित होने पर शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं, इसलिए इसे टोमैटो फ्लू कहा जाता है। इस बीमारी से छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा है।
केरल में नोरोवायरस के दो मामले सामने आए हैं। तिरुवनंतपुरम के दो स्कूली बच्चों में यह संक्रमण मिला है। उल्टियां और दस्त इसके प्रमुख लक्षण हैं। संक्रमित होने के 12 से 48 घंटे बाद इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। एक से तीन दिन में इससे ठीक हुआ जा सकता है, लेकिन कई बार इससे गंभीर बीमारी भी हो जाती है।