कदम कदम पर यहां मुखौटे बदलना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी इस रास्ते चलना पड़ता हैll
अजीब सी हो गई है जिंदगी लोगो की आजकल ,
भीड़ में भी अब तो तनहा चलना पड़ता है।।
अब बची कहां है मोहब्बते दिलो में मोहित ,,
ठोकरे लोग देते है और खुद को सम्हलना पड़ता है।।
राख उस शमशान की गवाही दे रही है मुझको,
पाक होने के लिए भी यहां अकेले जलना पड़ता है।।
खुश रहने के लिए पैसा ही मायने नहीं रखता।।
पैरो से दरारों और दुश्मनी को भी कुचलना पड़ता है।।
और तेरा हमनफस सिर्फ तू ही है साकी,
कई बार खुद से खुद ही को बहलना पड़ता है।।
मोहित कुमार उदासी
इंदौर 9993383821