(जागरूकता )नकारात्मकता— एक संक्रामक बीमारी!

विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति ना जाने कितनी बातों से परेशान है और परेशानियों के चलते नकारात्मक(नेगेटिव) सोच का शिकार बन जाता है। हालत ऐसी है कि यदि एक राह चलते हुए व्यक्ति से पूछ लिया जाए कि वो किसी बात से परेशान है तो वो अपनी बहुत सी परेशानियाँ बताने लगेगा। लोग नकारात्मक (नेगेटिव) सोच से भर से गए हैं और इस कारण बहुत दुखी महसूस करते हैं और समझ नहीं पाते कि इस नकारात्मक(नेगेटिव) सोच को ख़त्म कैसे करें। सोच नकारात्मक(नेगेटिव) हो या सकारात्मक (पॉज़िटिव) दोनों ही हमारे मस्तिष्क की उपज है। नकारात्मक(नेगेटिव) सोच हमे मानसिक तौर पर बहुत परेशान कर देती है और इस नकारात्मक सोच का नकारात्मक असर शरीर पर भी दिखने लगता है। नकारात्मक शब्द सुनकर घबराने से अच्छा है कि आप सकारात्मक सोच की तरफ बढ़े। हर वो मुमकिन प्रयास करें जिससे आप इस नकारात्मक सोच को दूर कर सकें। आपको अपनी इस जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने होंगे। नकारात्मक सोच या विचार क्या होता है ? नकारात्मक सोच या विचार का अर्थ है एक व्यक्ति के मन में कोई भी ऐसा विचार आना जो उसे दुखी करे या जिसे सोचकर वह डरने लगे। मन में नकारात्मक विचार आना बहुत बड़ी बात नहीं हैं। एक मनुष्य कई तरह के विचारों से घिरा होता है, अलग अलग तरह के भावनाओं से गुज़रता है लेकिन हर व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए कि ऐसा कोई भी विचार जो उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर नुक़सान पहुचाएं , उसे जड़ से खत्म करे। नकारात्मक विचार आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे : 1.अपने आप को दूसरों से कम आंकना। हमेशा यह सोचना कि दुसरे आपसे हर तरह से बेहतर हैं। २ दूसरों की उन्नति देखकर ईर्ष्या का भाव मन में रखना।

किसी का आपके काम या शरीर पर नकारात्मक टिप्पणी करना। हमेशा ध्यान रखें कि आप अपने शरीर और चेहरे से कई गुनाह बढ़कर हैं। आपका अपना एक व्यक्तित्व है और अपनी एक सोच है जो आपको दूसरों से अलग बनाती हैं। इसीलिए जो व्यक्ति आपके शरीर और चेहरे पर नकारात्मक टिपण्णी करते हैं उनमे खुद बहुत सी कमियां होती हैं जिन्हे छुपाने कि लिए वे दूसरों पर नकारात्मक टिपणियां करते है । ऐसे लोगो की बातों पर कभी ध्यान ना दें।

  1. कल क्या होगा इस चिंता में रहना।
  2. यदि आपके साथ कोई बुरी घटना घटी है तो हमेशा इस डर में जीना कि आपके साथ कुछ बुरा होगा।
  3. यदि जीवन में बुरा समय चल रहा है तो ये सोचना की ये समय कभी ठीक नहीं हो पाएगा।
  4. नकारात्मक समाचार पढ़ना।
  5. नकारात्मक सोच वाले लोगों से बात करना, उनके साथ समय बिताना।
    1. ऐसी और भी बहुत सी बातें हैं जो एक व्यक्ति को नकारात्मकविचारों से भर देती हैं।
      नकारात्मक सोच से दूर रहने के लिए सकारात्मक बातों के बारे में सोचें
      जब भी आप किसी बात को सोचकर नकारात्मकता और दुःख से भर जाते हैं , तभी बिना समय गवाएं उन सब बातो के बारे में सोचिये जो अच्छी है , चाहे वो नौकरी में आपकी पदोनत्ति हो या किसीने आपके काम की तारीफ की हो या आप अपने घरवालों के साथ ज़्यादा समय बिता पा रहे हों।
      हमेशा अच्छी और सकारात्मक बातों से प्रभावित हों। परेशानियों से प्रभावित और हताश होने के बजाय उनका समाधान निकालने का प्रयास करें। जब सकारात्मक बातों के बारे में सोचेंगे तो परेशानी से लड़ने की हिम्मत अपने आप आएगी।
      नकारात्मक सोच से दूर रहना है तो हर छोटी बड़ी ख़ुशी के लिए आभार प्रकट करें
      ऐसा कई बार होता है कि जब हमारे साथ कोई बुरी घटना घटती है तो हम अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं, भगवान् को याद करके कहते हैं “हे भगवान मेरे साथ ही क्यों होता है ऐसा ?” क्योंकि हमे लगता है कि हम दुनिया का हर सुख पाने का हक़ रखते हैं लेकिन दुःख झेलने का नहीं। सच तो यह है कि यह जीवन ऐसे नहीं चलता। इसमें सुख भी हैं तो दुःख भी हैं और चाहे वो सुख की घड़ी हो या दुःख की , आपको कुछ ना कुछ ज़रूरी सिखाती हैं। इसीलिए हर दिन आभार प्रकट कीजिये।
      नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों से दूर रहैं
      जिस तरह आप नकारात्मक सोच के शिकार बन गए हैं उसी तरह और भी बहुत लोग नकारात्मक सोच के शिकार हैं। ऐसे लोगों से दूर रहें।
      नकारात्मक सोच से बचना है तो नकारात्मक समाचार से दूर रहें
      कुछ लोगों की सुबह उठते ही अखबार पढ़ने की आदत होती है। कई बार जब एक व्यक्ति अपने निजी जीवन में कई परेशानियों से गुज़र रहा हो तो वह बहुत सवेंदनशील हो जाता है। इस स्थिति में सुबह उठने के बाद किसी भी तरह का नकारात्मक समाचार देखने, पढ़ने या सुनने से वह प्रभावित होता है और नकारात्मकता और भी ज़्यादा बढ़ जाती है। कोशिश करें कि दिन की शुरुआत आप कोई भी नकारात्मक समाचार पढ़कर, देखकर या सुनकर ना करें और सोने से पहले भी ऐसा ना करें।
      कोशिश करें कि सुबह उठकर आप अपने दिन की शुरुआत मधुर संगीत या एक अच्छी किताब से करें और रात को सोने से पहले भी एक अच्छी किताब पढ़ें या सुविचार सुने।
      मन में नकारात्मक विचार आने पर अपना ध्यान भटकाएं
      नकारात्मक विचारों को अपने मन से बाहर निकालें
      नकारात्मक विचारों से दूर रहना हैं तो क्षमाशील बनिए
      नकारात्मक सोच से दूर रहना है तो जिन बातों पर आपका नियंत्रण नहीं उनके बारे में मत सोचिये
      नकारात्मक सोच को दूर करना है तो सक्रिय बने प्रतिक्रियाशील नहीं
      नकारात्मकता से घिरे रहने का एक बहुत बड़ा कारण ये है कि आप सक्रीय नहीं प्रतिक्रियाशील हैं।
      नकारात्मक सोच को दूर करना है तो योग या साधना करें
      यदि आप लम्बे समय से नकारत्मकता से घिरे हुए है तो आप योग, साधना या मंत्र जाप करें। इन सभी का आपके मन और मस्तिष्क पर एक बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है, नकारात्मक सोच और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है। योग, साधना या मंत्र जाप करने से मन ओर मस्तष्क दोनों ही शांत रहते हैं और आप बहुत सकारत्मक महसूस करते हैं।
      लक्षण क्या हैं ?
      नकारात्मक विचारों के कारण भूख ना लगना
      नकारात्मक विचारों से घिरा हुआ व्यक्ति हमेशा परेशान दिखता है
      नकारात्मकता डर को जन्म देती है
      नकारात्मक सोच आत्म संदेह की जड़ है
      नेगेटिव सोच यानी नकारात्मक विचार के कारण एक व्यक्ति को लगता है कि उसका कोई महत्त्व नहीं
      कई बार जीवन में किसी दुर्घटना या बुरे अनुभव के कारण भी मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं
      नकारात्मक विचार आपके भीतर हैं, बाहर नहीं। ये कभी ना भूलें कि यह जीवन ऐसा ही है, इसमें अच्छे बुरे, हर तरह के अनुभव होंगे लेकिन वो सभी सिर्फ अनुभव है। यदि आप अच्छे अनुभव के हक़दार हैं तो आपको बुरे अनुभवों से भी गुज़रना होगा, बुरे अनुभव से सीख लें, उन्हें अपने दुःख का कारण ना बनाएं।
      जब भी आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आये तो सकारत्मक उद्धहरण पढ़ें।
      विख्यात व्यक्तित्वों के कथन—
    2. भाग्य उनका साथ देता है जो हर संकट का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं। – चाणक्य
    3. हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण और कुछ विशेष प्रतिभाएं होती हैं, इसलिए व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए – रतन टाटा
    4. जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार जीत होगी – थॉमस पेन
      4.आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है – रबीन्द्रनाथ टैगोर
    5. जब तक हम किसी काम को शुरू नहीं करते तब तक वो नामुमकिन ही लगता है – नेल्सन मंडेला
  6. अगर तुम किसी चीज़ को पसंद नहीं करते तो उसे बदल दो , अगर बदल नहीं सकते तो अपने रवैया बदल दो – माया एंजिलो
    1. एक दिन जब पीछे मुड़कर देखोगे तो पाओगे कि संघर्ष के दिन सबसे खूबसूरत दिन थे – सिग्मंड फ्रियूड
  7. सकारात्मकता का चयन करें, बेहतर महसूस होगा – दलाई लामा
  8. खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं – महात्मा गाँधी
  9. यदि तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो – डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
    नुक़सान
  10. नकारात्मक सोच रखने से आपका आत्मविश्वास कम होगा।
  11. नकारात्मक सोच रखने से आप कोई भी अच्छा कार्य करने से डरेंगे क्योंकि आपको लगेगा की उसका रिजल्ट बुरा ही होगा।
  12. नकारात्मक सोच रखने से आपको मानसिक तनाव हो सकता है।
  13. नकारात्मक सोच आपके मन में डर का भाव पैदा कर सकती है।
  14. नकारात्मक सोच के कारण आपको हमेशा घबराहट महसूस होगी।
  15. एक शोध में यह पाया गया है की जो लोग लम्बे समय तक नकारात्मक विचार रखते हैं उनके सोचने समझने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  16. आप चाहे कितना भी अच्छा काम क्यों ना कर लें आपको हमेशा उस काम में कमी दिखेगी। आप हमेशा परफेक्शन चाहेंगे जो मुमिकन नहीं है।
  17. नकारात्मक सोच रखने वाले हमेशा खुद को दूसरों से कम आंकते हैं और निरंतर दूसरों से ये सुनना चाहते हैं कि कैसे वे दूसरों से बेहतर हैं। आत्मविश्वास की इस कमी के कारण उनको अपने रिश्ते निभाने में भी मुश्किल हो सकती है।
  18. नकारात्मक सोच से मानसिक तनाव होता है और शरीर पर भी इसका बुरा असर दिखने लगता है।नकारात्मक सोच हमारे काम में भी बाधा बनती है।
  19. नकारात्मक सोच रखने वाले लोग घंटो एक ही जगह पर खाली बैठ नकारात्मक बातों के बारे में विचार करते रहते हैं और ऐसा करके उनकी उत्पादकता भी कम होती है और वे बीमार भी पद सकते हैं।
    सकारात्मक सोच की तरफ बढ़ने केउपाय
  20. कोई भी विचार अपने मन में आने से रोकना आपके हाथ में नहीं हैं इसलिए उनके बारे में सोचना भी सही नहीं हैं।लेकिन उन विचारों के बारे में आप क्या करते हैं या आपकी प्रतिक्रिया क्या होती है ये 100 % आपके हाथ में है। इसीलिए आप इन नकारात्मक विचारों के बारे में क्या कर सकते हैं सिर्फ उस बात पर ध्यान दें।
  21. हमेशा अच्छी और सकारात्मक बातों से प्रभावित हों। परेशानियों से प्रभावित और हताश होने के बजाय उनका समाधान निकालने का प्रयास करें। जब सकारात्मक बातों के बारे में सोचेंगे तो परेशानी से लड़ने की हिम्मत अपने आप आएगी।
  22. हर दिन अपने इस सुन्दर जीवन के लिए सुबह उठकर ईश्वर का धन्यवाद करें।
  23. सकारात्मक सोच रखने वाले और खुश रहने वाले लोगो के साथ ज़्यादा से ज़्यादा साम्य/समता भाव रखे । उनके साथ ज्यादा समय बिताने से आपको ख़ुशी का एहसास होगा और वे हमेशा आपको नकारात्मक सोच से भी दूर रखेंगे।
  24. रात को सोने से पहले एक प्रेरणादायक किताब पढ़ें और अपने दिन की शुरुआत सुविचारों को पढ़ने या सुनने से करें।
  25. यदि आपके जीवन में ऐसे लोग हैं जो आपका मज़ाक उड़ाते हैं या आपको निरंतर आपकी कमियां गिनाते हैं तो आज ही ऐसे लोगों का साथ छोड़ दें।
  26. अपनी गलतियों को समझ उन्हें सुधारने की कोशिश करें। जीवन भर अपनी गलतियों के लिए खुद को कोसें मत।
  27. यह समझिये की इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है और आप भी परफेक्ट नहीं हो सकते। परफेक्ट ना होना अपने आप में एक बहुत अच्छी बात है क्योंकि अगर सब परफेक्ट हो जाएंगे तो कोई भी कुछ नहीं सीखना चाहेगा। जो इंसान यह जानता है कि वो परफेक्ट नहीं है वो हमेशा बेहतर बनने की कोशिश करता है ओर परफेक्शन पाने के लिए कभी खुद को परेशान नहीं करता।
  28. ये समझिये की जीवन में सुख हैं तो दुःख भी है। आपको हर स्थिति का सामना करना है।
  29. जो बातें आपके नियंत्रण में नहीं है उनके बारे में सोचकर समय व्यर्थ करने से आप खुद को नुक़सान पंहुचा रहे है इसीलिए आपको ऐसी बातों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
    नकारात्मक सोच या विचार का अर्थ है एक व्यक्ति के मन में कोई भी ऐसा विचार आना जो उसे दुखी करे या जिसे सोचकर वह डरने लगे। नकारात्मक बातें सोचकर एक व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है, उसे मानसिक तनाव होने लगता है और इसका बुरा असर उसके शरीर पर भी पड़ने लगता है।
    नकारात्मक सोच के लक्षण है – तनाव महसूस करना(जागरूकता )नकारात्मकता— एक संक्रामक बीमारी!
  • विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति ना जाने कितनी बातों से परेशान है और परेशानियों के चलते नकारात्मक(नेगेटिव) सोच का शिकार बन जाता है। हालत ऐसी है कि यदि एक राह चलते हुए व्यक्ति से पूछ लिया जाए कि वो किसी बात से परेशान है तो वो अपनी बहुत सी परेशानियाँ बताने लगेगा। लोग नकारात्मक (नेगेटिव) सोच से भर से गए हैं और इस कारण बहुत दुखी महसूस करते हैं और समझ नहीं पाते कि इस नकारात्मक(नेगेटिव) सोच को ख़त्म कैसे करें। सोच नकारात्मक(नेगेटिव) हो या सकारात्मक (पॉज़िटिव) दोनों ही हमारे मस्तिष्क की उपज है। नकारात्मक(नेगेटिव) सोच हमे मानसिक तौर पर बहुत परेशान कर देती है और इस नकारात्मक सोच का नकारात्मक असर शरीर पर भी दिखने लगता है। नकारात्मक शब्द सुनकर घबराने से अच्छा है कि आप सकारात्मक सोच की तरफ बढ़े। हर वो मुमकिन प्रयास करें जिससे आप इस नकारात्मक सोच को दूर कर सकें। आपको अपनी इस जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने होंगे। नकारात्मक सोच या विचार क्या होता है ? नकारात्मक सोच या विचार का अर्थ है एक व्यक्ति के मन में कोई भी ऐसा विचार आना जो उसे दुखी करे या जिसे सोचकर वह डरने लगे। मन में नकारात्मक विचार आना बहुत बड़ी बात नहीं हैं। एक मनुष्य कई तरह के विचारों से घिरा होता है, अलग अलग तरह के भावनाओं से गुज़रता है लेकिन हर व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए कि ऐसा कोई भी विचार जो उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर नुक़सान पहुचाएं , उसे जड़ से खत्म करे। नकारात्मक विचार आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे : 1.अपने आप को दूसरों से कम आंकना। हमेशा यह सोचना कि दुसरे आपसे हर तरह से बेहतर हैं। २ दूसरों की उन्नति देखकर ईर्ष्या का भाव मन में रखना।
    1. किसी का आपके काम या शरीर पर नकारात्मक टिप्पणी करना। हमेशा ध्यान रखें कि आप अपने शरीर और चेहरे से कई गुनाह बढ़कर हैं। आपका अपना एक व्यक्तित्व है और अपनी एक सोच है जो आपको दूसरों से अलग बनाती हैं। इसीलिए जो व्यक्ति आपके शरीर और चेहरे पर नकारात्मक टिपण्णी करते हैं उनमे खुद बहुत सी कमियां होती हैं जिन्हे छुपाने कि लिए वे दूसरों पर नकारात्मक टिपणियां करते है । ऐसे लोगो की बातों पर कभी ध्यान ना दें।
  1. कल क्या होगा इस चिंता में रहना।
  2. यदि आपके साथ कोई बुरी घटना घटी है तो हमेशा इस डर में जीना कि आपके साथ कुछ बुरा होगा।
  3. यदि जीवन में बुरा समय चल रहा है तो ये सोचना की ये समय कभी ठीक नहीं हो पाएगा।
  4. नकारात्मक समाचार पढ़ना।
  5. नकारात्मक सोच वाले लोगों से बात करना, उनके साथ समय बिताना।
    1. ऐसी और भी बहुत सी बातें हैं जो एक व्यक्ति को नकारात्मकविचारों से भर देती हैं।
      नकारात्मक सोच से दूर रहने के लिए सकारात्मक बातों के बारे में सोचें
      जब भी आप किसी बात को सोचकर नकारात्मकता और दुःख से भर जाते हैं , तभी बिना समय गवाएं उन सब बातो के बारे में सोचिये जो अच्छी है , चाहे वो नौकरी में आपकी पदोनत्ति हो या किसीने आपके काम की तारीफ की हो या आप अपने घरवालों के साथ ज़्यादा समय बिता पा रहे हों।
      हमेशा अच्छी और सकारात्मक बातों से प्रभावित हों। परेशानियों से प्रभावित और हताश होने के बजाय उनका समाधान निकालने का प्रयास करें। जब सकारात्मक बातों के बारे में सोचेंगे तो परेशानी से लड़ने की हिम्मत अपने आप आएगी।
      नकारात्मक सोच से दूर रहना है तो हर छोटी बड़ी ख़ुशी के लिए आभार प्रकट करें
      ऐसा कई बार होता है कि जब हमारे साथ कोई बुरी घटना घटती है तो हम अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं, भगवान् को याद करके कहते हैं “हे भगवान मेरे साथ ही क्यों होता है ऐसा ?” क्योंकि हमे लगता है कि हम दुनिया का हर सुख पाने का हक़ रखते हैं लेकिन दुःख झेलने का नहीं। सच तो यह है कि यह जीवन ऐसे नहीं चलता। इसमें सुख भी हैं तो दुःख भी हैं और चाहे वो सुख की घड़ी हो या दुःख की , आपको कुछ ना कुछ ज़रूरी सिखाती हैं। इसीलिए हर दिन आभार प्रकट कीजिये।
      नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों से दूर रहैं
      जिस तरह आप नकारात्मक सोच के शिकार बन गए हैं उसी तरह और भी बहुत लोग नकारात्मक सोच के शिकार हैं। ऐसे लोगों से दूर रहें।
      नकारात्मक सोच से बचना है तो नकारात्मक समाचार से दूर रहें
      कुछ लोगों की सुबह उठते ही अखबार पढ़ने की आदत होती है। कई बार जब एक व्यक्ति अपने निजी जीवन में कई परेशानियों से गुज़र रहा हो तो वह बहुत सवेंदनशील हो जाता है। इस स्थिति में सुबह उठने के बाद किसी भी तरह का नकारात्मक समाचार देखने, पढ़ने या सुनने से वह प्रभावित होता है और नकारात्मकता और भी ज़्यादा बढ़ जाती है। कोशिश करें कि दिन की शुरुआत आप कोई भी नकारात्मक समाचार पढ़कर, देखकर या सुनकर ना करें और सोने से पहले भी ऐसा ना करें।
      कोशिश करें कि सुबह उठकर आप अपने दिन की शुरुआत मधुर संगीत या एक अच्छी किताब से करें और रात को सोने से पहले भी एक अच्छी किताब पढ़ें या सुविचार सुने।
      मन में नकारात्मक विचार आने पर अपना ध्यान भटकाएं
      नकारात्मक विचारों को अपने मन से बाहर निकालें
      नकारात्मक विचारों से दूर रहना हैं तो क्षमाशील बनिए
      नकारात्मक सोच से दूर रहना है तो जिन बातों पर आपका नियंत्रण नहीं उनके बारे में मत सोचिये
      नकारात्मक सोच को दूर करना है तो सक्रिय बने प्रतिक्रियाशील नहीं
      नकारात्मकता से घिरे रहने का एक बहुत बड़ा कारण ये है कि आप सक्रीय नहीं प्रतिक्रियाशील हैं।
      नकारात्मक सोच को दूर करना है तो योग या साधना करें
      यदि आप लम्बे समय से नकारत्मकता से घिरे हुए है तो आप योग, साधना या मंत्र जाप करें। इन सभी का आपके मन और मस्तिष्क पर एक बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है, नकारात्मक सोच और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है। योग, साधना या मंत्र जाप करने से मन ओर मस्तष्क दोनों ही शांत रहते हैं और आप बहुत सकारत्मक महसूस करते हैं।
      लक्षण क्या हैं ?
      नकारात्मक विचारों के कारण भूख ना लगना
      नकारात्मक विचारों से घिरा हुआ व्यक्ति हमेशा परेशान दिखता है
      नकारात्मकता डर को जन्म देती है
      नकारात्मक सोच आत्म संदेह की जड़ है
      नेगेटिव सोच यानी नकारात्मक विचार के कारण एक व्यक्ति को लगता है कि उसका कोई महत्त्व नहीं
      कई बार जीवन में किसी दुर्घटना या बुरे अनुभव के कारण भी मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं
      नकारात्मक विचार आपके भीतर हैं, बाहर नहीं। ये कभी ना भूलें कि यह जीवन ऐसा ही है, इसमें अच्छे बुरे, हर तरह के अनुभव होंगे लेकिन वो सभी सिर्फ अनुभव है। यदि आप अच्छे अनुभव के हक़दार हैं तो आपको बुरे अनुभवों से भी गुज़रना होगा, बुरे अनुभव से सीख लें, उन्हें अपने दुःख का कारण ना बनाएं।
      जब भी आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आये तो सकारत्मक उद्धहरण पढ़ें।
      विख्यात व्यक्तित्वों के कथन—
    2. भाग्य उनका साथ देता है जो हर संकट का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं। – चाणक्य
    3. हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण और कुछ विशेष प्रतिभाएं होती हैं, इसलिए व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए – रतन टाटा
    4. जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार जीत होगी – थॉमस पेन
      4.आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है – रबीन्द्रनाथ टैगोर
    5. जब तक हम किसी काम को शुरू नहीं करते तब तक वो नामुमकिन ही लगता है – नेल्सन मंडेला
  6. अगर तुम किसी चीज़ को पसंद नहीं करते तो उसे बदल दो , अगर बदल नहीं सकते तो अपने रवैया बदल दो – माया एंजिलो
    1. एक दिन जब पीछे मुड़कर देखोगे तो पाओगे कि संघर्ष के दिन सबसे खूबसूरत दिन थे – सिग्मंड फ्रियूड
  7. सकारात्मकता का चयन करें, बेहतर महसूस होगा – दलाई लामा
  8. खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं – महात्मा गाँधी
  9. यदि तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो – डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
    नुक़सान
  10. नकारात्मक सोच रखने से आपका आत्मविश्वास कम होगा।
  11. नकारात्मक सोच रखने से आप कोई भी अच्छा कार्य करने से डरेंगे क्योंकि आपको लगेगा की उसका रिजल्ट बुरा ही होगा।
  12. नकारात्मक सोच रखने से आपको मानसिक तनाव हो सकता है।
  13. नकारात्मक सोच आपके मन में डर का भाव पैदा कर सकती है।
  14. नकारात्मक सोच के कारण आपको हमेशा घबराहट महसूस होगी।
  15. एक शोध में यह पाया गया है की जो लोग लम्बे समय तक नकारात्मक विचार रखते हैं उनके सोचने समझने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  16. आप चाहे कितना भी अच्छा काम क्यों ना कर लें आपको हमेशा उस काम में कमी दिखेगी। आप हमेशा परफेक्शन चाहेंगे जो मुमिकन नहीं है।
  17. नकारात्मक सोच रखने वाले हमेशा खुद को दूसरों से कम आंकते हैं और निरंतर दूसरों से ये सुनना चाहते हैं कि कैसे वे दूसरों से बेहतर हैं। आत्मविश्वास की इस कमी के कारण उनको अपने रिश्ते निभाने में भी मुश्किल हो सकती है।
  18. नकारात्मक सोच से मानसिक तनाव होता है और शरीर पर भी इसका बुरा असर दिखने लगता है।नकारात्मक सोच हमारे काम में भी बाधा बनती है।
  19. नकारात्मक सोच रखने वाले लोग घंटो एक ही जगह पर खाली बैठ नकारात्मक बातों के बारे में विचार करते रहते हैं और ऐसा करके उनकी उत्पादकता भी कम होती है और वे बीमार भी पद सकते हैं।
    सकारात्मक सोच की तरफ बढ़ने केउपाय
  20. कोई भी विचार अपने मन में आने से रोकना आपके हाथ में नहीं हैं इसलिए उनके बारे में सोचना भी सही नहीं हैं।लेकिन उन विचारों के बारे में आप क्या करते हैं या आपकी प्रतिक्रिया क्या होती है ये 100 % आपके हाथ में है। इसीलिए आप इन नकारात्मक विचारों के बारे में क्या कर सकते हैं सिर्फ उस बात पर ध्यान दें।
  21. हमेशा अच्छी और सकारात्मक बातों से प्रभावित हों। परेशानियों से प्रभावित और हताश होने के बजाय उनका समाधान निकालने का प्रयास करें। जब सकारात्मक बातों के बारे में सोचेंगे तो परेशानी से लड़ने की हिम्मत अपने आप आएगी।
  22. हर दिन अपने इस सुन्दर जीवन के लिए सुबह उठकर ईश्वर का धन्यवाद करें।
  23. सकारात्मक सोच रखने वाले और खुश रहने वाले लोगो के साथ ज़्यादा से ज़्यादा साम्य/समता भाव रखे । उनके साथ ज्यादा समय बिताने से आपको ख़ुशी का एहसास होगा और वे हमेशा आपको नकारात्मक सोच से भी दूर रखेंगे।
  24. रात को सोने से पहले एक प्रेरणादायक किताब पढ़ें और अपने दिन की शुरुआत सुविचारों को पढ़ने या सुनने से करें।
  25. यदि आपके जीवन में ऐसे लोग हैं जो आपका मज़ाक उड़ाते हैं या आपको निरंतर आपकी कमियां गिनाते हैं तो आज ही ऐसे लोगों का साथ छोड़ दें।
  26. अपनी गलतियों को समझ उन्हें सुधारने की कोशिश करें। जीवन भर अपनी गलतियों के लिए खुद को कोसें मत।
  27. यह समझिये की इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है और आप भी परफेक्ट नहीं हो सकते। परफेक्ट ना होना अपने आप में एक बहुत अच्छी बात है क्योंकि अगर सब परफेक्ट हो जाएंगे तो कोई भी कुछ नहीं सीखना चाहेगा। जो इंसान यह जानता है कि वो परफेक्ट नहीं है वो हमेशा बेहतर बनने की कोशिश करता है ओर परफेक्शन पाने के लिए कभी खुद को परेशान नहीं करता।
  28. ये समझिये की जीवन में सुख हैं तो दुःख भी है। आपको हर स्थिति का सामना करना है।
  29. जो बातें आपके नियंत्रण में नहीं है उनके बारे में सोचकर समय व्यर्थ करने से आप खुद को नुक़सान पंहुचा रहे है इसीलिए आपको ऐसी बातों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
    नकारात्मक सोच या विचार का अर्थ है एक व्यक्ति के मन में कोई भी ऐसा विचार आना जो उसे दुखी करे या जिसे सोचकर वह डरने लगे। नकारात्मक बातें सोचकर एक व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है, उसे मानसिक तनाव होने लगता है और इसका बुरा असर उसके शरीर पर भी पड़ने लगता है।
    नकारात्मक सोच के लक्षण है – तनाव महसूस करना, नींद ना आना, उदास रहना और अपनों से दूर हो जाना।
    अपने जीवन में होने वाली सकारात्मक बातों के बारे में सोचकर, साधना कर, अपनी परेशानी अपने करीबी लोगों के साथ शेयर करके नकारात्मक सोच दूर की जा सकती है।
    नकारात्मक सोच एक व्यक्ति को मानसिक तनाव के साथ ही शारीरिक नुक़सान भी पहुँचाती है।
    नकारात्मक व्यक्ति सफलता की राह पर चलने से घबराते हैं, डरते हैं कि कुछ गलता ना हो , खुद पर भरोसा नहीं करते और इस कारण उन्हें किस भी कम में सफलता प्राप्त करने में मुश्किल होती है।
    मन में नकारात्मक विचार आने पर अपना ध्यान उन सब बातों पर लगाएं जो आपके जीवन में आपको सकारात्मक महसूस कराती हैं। जीवन में होने वाली अच्छी बातों के बारे में सोचें।
    27 जून ईएमएस फीचर , नींद ना आना, उदास रहना और अपनों से दूर हो जाना।
    अपने जीवन में होने वाली सकारात्मक बातों के बारे में सोचकर, साधना कर, अपनी परेशानी अपने करीबी लोगों के साथ शेयर करके नकारात्मक सोच दूर की जा सकती है।
    नकारात्मक सोच एक व्यक्ति को मानसिक तनाव के साथ ही शारीरिक नुक़सान भी पहुँचाती है।
    नकारात्मक व्यक्ति सफलता की राह पर चलने से घबराते हैं, डरते हैं कि कुछ गलता ना हो , खुद पर भरोसा नहीं करते और इस कारण उन्हें किस भी कम में सफलता प्राप्त करने में मुश्किल होती है।
    मन में नकारात्मक विचार आने पर अपना ध्यान उन सब बातों पर लगाएं जो आपके जीवन में आपको सकारात्मक महसूस कराती हैं। जीवन में होने वाली अच्छी बातों के बारे में सोचें।