पीएम मोदी ने अपने प्रिय दोस्त जापानी पीएम आबे को लेकर कहा कि उनकी विरासत हमेशा के लिए कायम रहेगी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें एक महान वैश्विक राजनेता, भारत-जापान मित्रता का एक महान पैरोकार और एक प्रिय एवं घनिष्ठ मित्र बताया, जिनके मार्गदर्शन ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें आर्थिक प्रगति के लिए प्रेरित किया।
मोदी ने जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले आबे पर अपने ब्लॉग में लिखा, हम भारत में उनके निधन पर शोक जता रहे हैं। उन्होंने हमें खुले दिल से गले लगाया था। वह हमेशा लोगों को प्रेरित करते थे। उनका जीवन भले ही दुखद रूप से छोटा हो गया हो, लेकिन उनकी विरासत हमेशा के लिए कायम रहेगी। उन्होंने कहा, शिंजो आबे-जापान के एक उत्कृष्ट नेता, एक वैश्विक राजनेता, और भारत-जापान मित्रता के एक महान पैरोकार अब हमारे बीच नहीं हैं। जापान और दुनिया ने एक महान दूरदर्शी और, मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के लिए आबे के सबसे महान उपहारों और उनकी सबसे स्थायी विरासत में से एक, जिसके लिए दुनिया हमेशा उनकी ऋणी रहेगी, वह है चुनौतियों को पहचानने की उनकी दूरदर्शिता और इसका सामना करने के लिए उनका जबरदस्त नेतृत्व। उन्होंने कहा कि आबे हमेशा नए विचारों को सामने रखते थे और अर्थव्यवस्था, संस्कृति, विदेश नीति और विभिन्न अन्य विषयों को लेकर उनके पास अमूल्य अंतर्दृष्टि थी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी में अभूतपूर्व बदलाव लाने के लिए आबे के साथ काम करना प्रधानमंत्री के रूप में उनका सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सीमित, द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को जापानी नेता ने व्यापक बनाने में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा, उनके लिए, यह हमारे दोनों देशों और दुनिया के लोगों के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण संबंधों में से एक था। वह भारत के साथ असैन्य परमाणु समझौते को आगे बढ़ाने और भारत में ‘हाई स्पीड रेल’ के लिए सबसे उदार शर्तों की पेशकश करने के लिए दृढ़ थे।’’भारत-जापान संबंधों में उनके योगदान के लिए 2021 में आबे को प्रतिष्ठित पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। मोदी ने कहा कि आबे के पास विकल्पों को तराशने औरसाहसिक निर्णय लेने की क्षमता थी।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमत्ता, उदारता, दोस्ती और मार्गदर्शन के लिए ऋणी रहेंगे और उन्हें बहुत याद करेंगे। अपने करीबी निजी संबंधों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि वह उनसे पहली बार 2007 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में जापान यात्रा के दौरान मिले थे।उन्होंने कहा कि पहली मुलाकात से ही उनकी दोस्ती गहराती गई और वह आधिकारिक प्रोटोकॉल से कहीं आगे निकल गई थी। उन्होंने इसमें आबे के साथ बिताए उन खास लम्हों का जिक्र किया, जिनमें मंदिर, रेल और काशी यात्रा से लेकर चाय की चुस्कियां लेना शामिल था।