श्रीकांत की गाली से छिड़ी लड़ाई अब जातियों पर आई

नोएडा । नोएडा के सेक्टर 93 में ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी की लड़ाई अब जातियों के संघर्ष तक जा पहुंची है। सोसायटी की महिला को गाली देने और धमकाने के बाद कानून के शिकंजे में आए श्रीकांत त्यागी को लेकर अब नोएडा की सियासत भी सुलग गई है। श्रीकांत पर एनएसए, इनाम की घोषणा, बुलडोजर ऐक्शन जैसे कदमों को ‘जरूरत से ज्यादा’ बताते हुए त्यागी समाज आरोपी के समर्थन में खड़ा हो गया है। वहीं, पीड़ित महिला के समर्थन में वैश्य समाज भी सामने आया है। श्रीकांत की ओर से गाली के साथ जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किए जाने से आहत वैश्य समाज पुलिस कार्रवाई को सही मानता है और चाहता है कि उसे राहत ना दी जाए। श्रीकांत त्यागी पर ऐक्शन के बाद से नोएडा और पश्चिमी यूपी के कई जिलों में ‘त्यागी समाज’ के कई नेता लगातार बैठकें कर रहे हैं। वे इस बहाने लोगों को लामबंद करके एक तरफ प्रशासन पर दबाव बनाना चाहते हैं तो दूसरी तरफ अपनी ‘ताकत’ का प्रदर्शन भी करना चाहते हैं। त्यागी समाज की दलील है कि श्रीकांत के खिलाफ जरूरत से अधिक सख्ती की गई। उसके साथ खूंखार अपराधियों की तरह व्यवहार किया गया और गैर-जरूरी धाराएं लगाई गईं। त्यागी समाज के कई संगठन इस ऐक्शन के लिए सांसद महेश शर्मा को दोषी मानते हैं और इसलिए उनके निशाने पर भी वही हैं। श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर एक तरफ जहां त्यागी समाज आक्रोशित है तो वहीं वैश्य समाज भी मैदान में आ गया है। अग्रवाल मित्र मंडल ने शनिवार को महाराजा अग्रसेन भवन में बैठक कर आरोप लगाया कि श्रीकांत त्यागी द्वारा वैश्य समाज की महिला को अपमानित किया गया। इस घटना को लेकर पूरे समाज पर सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी की जा रही हैं। इसकी शिकायत वह पुलिस से भी कर चुके हैं। उन्होंने इस प्रकरण में सांसद, विधायक और भाजपा संगठन द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना की। वैश्य समाज ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह इस घटना का संज्ञान लें और समाज को अपमानित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए। श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर जिले का सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। प्रकरण में सांसद डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ त्यागी समाज और अन्य संगठनों द्वारा की गई बयानबाजी और ज्ञापनों के बाद सांसद ने भी क्षेत्रवासियों के नाम खुला पत्र जारी किया था। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ लिखे तीन पत्रों को एक साजिश बताया था। उन्होंने कहा था कि एक अधिकारी और एक राजनेता द्वारा उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। यह पत्र फर्जी है, जिसमें उन्होंने जांच की मांग की। सांसद के पत्र के बाद सोमवार को पत्र लिखने वाले तीन संगठनों के नेताओं ने प्रेस वार्ता कर इन पत्रों को असली बताया और उनकी फोरेंसिक जांच की मांग की। राजपूत उत्थान सभा के प्रदेश अध्यक्ष धीरज ठाकुर, अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के जिला अध्यक्ष श्याम सिंह भाटी एडवोकेट और भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतिनिधि सत्यवीर सिंह ने अपने द्वारा लिखे इन पत्रों की पुष्टि करते हुए कई आरोप भी लगाए हैं।