दुनिया में मारे जाएंगे 5 करोड़ लोग

वॉशिंगटन । रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमता नहीं दिख रहा है। इसी कारण दुनिया में लगातार न्यूक्लियर युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच एक नए अध्ययन ने दुनिया को भयभीत करने वाली चेतावनी दी है। नए अध्ययन में सामने आया है कि अगर आज के समय रूस और यूक्रेन के बीच न्यूक्लियर वॉर हो जाए तो दुनिया में 5 करोड़ लोग मारे जाएंगे। हालांकि ये सभी लोग बम के सीधे प्रभाव से नहीं बल्कि दुनिया भर में अकाल के प्रभाव से मारे जाएंगे। अध्ययन में दावा किया गया है कि न्यूक्लियर बम के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आ सकेगा। अमेरिका के रट्जर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में छह संभावित न्यूक्लियर संघर्षों से होने वाले परिणामों को मैप किया है। उनकी यह स्टडी नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित हुई है। इस अध्ययन में उन्होंने कहा है कि रूस और अमेरिका के बीच अगर परमाणु युद्ध होता है तो आधी मानवता का सफाया हो जाएगा। इस अनुमान की गणना परमाणु विस्फोट के कारण पैदा होने वाले कालिख के वायुमंडल में जाने के आधार पर की गई है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के एक जलवायु पूर्वानुमान उपकरण का इस्तेमाल किया। इसके जरिए उन्होंने हर देश की प्रमुख फसलों के उत्पादन का अनुमान लगाया। बड़े युद्ध के नुकसान तो बड़े हैं, लेकिन अगर छोटे पैमाने पर भी युद्ध होता है तो दुनिया भर में खाद्य संकट के विनाशकारी परिणाम देखने को मिलेंगे। अध्य्यन में कहा गया है कि अगर सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच ही अगर एक छोटा न्यूक्लियर युद्ध होता है तो 5 वर्ष में दुनिया में 7 फीसदी फसल उत्पादन में गिरावट दिखाई देगी। वहीं रूस और अमेरिका के युद्ध में तीन से चार वर्षों में 90 फीसदी फसल उत्पादन गिरेगा। शोधकर्ताओं ने युद्ध के तुरंत बाद जानवरों के चारे को कम करना या भोजन की बर्बादी को कम करने पर नुकसान की भरपाई पर भी नजर डाली है, लेकिन बड़े पैमाने पर युद्ध से शोधकर्ताओं को इससे कोई राहत नहीं दिखी है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यह रिसर्च आई है। रूस की ओर से लगातार परमाणु बम के इस्तेमाल की धमकी दी जाती रही है।