देश में हो रहे युगांतरकारी परिवर्तन
भारतीय संस्कृति का हो रहा चिंतन
तीव्र गति से हो रहा सांस्कृतिक उत्थान
तहस – नहस देश, बन रहा देवस्थान
सनातन संस्कृति, है मानवता का स्वरूप
अत्याचार, हिंसा, धर्मांतरण के देखे रूप
साहसी वीरों एवं महापुरूषों के प्रयास
लोकतंत्र के जनमत का होता आभास
कई पड़ोसी देश, नहीं चाहते देश – भला
ऐसे कैसे फैलेगा – देश में ज्ञान का उजाला?
समझें हम अपने पड़ोसियों की यह चाल
संकीर्णता को छोड़ें तथा बन जाएं विशाल।।
आनंद मोहन मिश्र
विवेकानंद केंद्र विद्यालय यजाली
लोअर सुबनसिरी जनपद
अरुणाचल प्रदेश
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