रामलला 14 जनवरी को गर्भग्रह में विराजेंगे, उसी दिन आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे मंदिर के कपाट

अयोध्या। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का निर्माण लगभग 50 फीसदी पूरा हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 14 जनवरी 2024 को मकरसंक्रांति के दिन रामलला गर्भग्रह में विराजेंगे और इसके साथ ही मंदिर कपाट आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अयोध्या में मौजूद रहेंगे।
ट्रस्ट की तरफ से मीडिया को बुलाकर के मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी दी गई। ट्रस्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आपडे ने बताया कि मंदिर निर्माण का काम पिछले 2 साल से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 2 साल के अंदर मंदिर का काम पूरा हो जाएगा। गर्भगृह का निर्माण दो तीन महीने के अंदर पूरा हो जाएगा। जिसके बाद श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर के अन्य हिस्से का निर्माण कार्य चलता रहेगा।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के दिन राम मंदिर का उद्घाटन प्रस्तावित है। उस दिन सूर्य देव उत्तरायण होंगे, जिसे शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसी दिन रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी इस खास मौके के साक्षी होंगे। इसी दिन से मंदिर के गर्भगृह को आम जनता के दर्शनों के लिए खोल दिया जाएगा। जबकि मंदिर के बाकी हिस्से का काम चलता रहेगा।
चंपत राय ने बताया कि मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी, उसमें 394 खंभे होंगे और हर खंभे पर 16 मूर्तियां रामायण से जुड़ी बनेंगी। मंदिर के निर्माण में लोहे की सरिया का कहीं भी प्रयोग नहीं किया गया है। ज्यादा से ज्यादा कॉपर का प्रयोग किया जा रहा है। अभी तक मंदिर का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। ग्राउंड लेवल 17 फीट ऊपर है और खुदाई स्थल से 60 फीट ऊपर है। चंपत राय ने बताया कि राम नवमी के दिन सूर्य की रोशनी सीधे भगवान रामलला के मस्तक पर पड़ेगी। इसके लिए अंतरिक्ष से टेलीस्कोपिक विधि तैयारी की जा रही है। निर्माण कार्य से जुड़ी एजेंसियां इस दिशा में काम कर रही हैं।