मुम्बई/इन्दौर । कहते हैं न कि अगर धरती पर कही भगवान हैं तो वो खुद इंसान के अंदर हैंउसकी अच्छी भावनाओ में हैं उसके सच्चे कर्मो में हैं और उसकी नेकी में हैं।भगवान की जरूरत ही क्या जब इंसान निस्वार्थ सेवा में लीन हो गया हो। जी हा इसी का एक उदाहरण हैं कलाकार संजुक्ता अरुण जिनकी नेकी दिलो को जीत लेती हैं। गरीब लाचार और बीमार बच्चों के लिए उनका सहयोगअद्भुत हैं।
संजुक्ता अरुणपेशे से एक उम्दा पेंटर हैं। जो जीवन के पैमाने को अपने अनुभव के मापदंड से चित्रों के जरिये कैनवास पर खूबसूरती से उतारती हैं। यू कहे कि पृथ्वी उसका संग्रह हैवो बताती हैं कि जीवन कैसे लहरों की एक श्रृंखला है जिसे गले लगाया जाना है।
29 नवंबर से 5 दिसंबर तक नेहरू सेंटर में प्रदर्शन के लिए कैनवास पर कविताओं के संग्रह की झड़िया लगेंगी। चित्रों की बिक्री और नीलामी से जुटाई गई राशि का उपयोग कैंसर से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए किया जाएगा।
3 दिसंबर 2022 को कैंसर से पीड़ित 20 बच्चों के बैच के लिए एक विशेष उत्सव आयोजित किया जाएगा जहाँ बच्चों को पेंटिंग करने और पेंटिंग के लिए अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। इसके बाद एक जादू शो होगा जहां उपहार और उपहारों की भरमार होगी।
यह इन बच्चों के जीवन को रोशन करने के लिए एक छोटा सा प्रयास है। हम सभी को एक साथ मिलकर उनके जीवन को रोशन करना चाहिए। जब कोई बच्चा आशा की किरण देखता है तो यह उन्हें नई आशा के साथ बीमारी से लड़ने में मदद करती है। हम यही चाहते हैं की वो इस जंग को जीतकर एक विजेता के रूप में जीवन को जिये।
अनीता पीटर कार्यकारी निदेशक सीपीएए ने आगे कहा संजुक्ता अरुण वर्षों से अपने चित्रों की बिक्री और नीलामी के माध्यम से कैंसर से बचे लोगों का समर्थन कर रही हैं। बेहद महंगादर्द और दबाव के कारण कैंसर बीमारीरोगियों और उनके परिवारों दोनों को आघात में धकेल देता है। बीमारी बदसूरत है और परिवारों को यह याद दिलाने की निरंतर आवश्यकता है कि जीवन सुंदर है और इसके लिए लड़ना बेहद जरूरी हैं। संजुक्ता जैसे खूबसूरत लोगन केवल बच्चों और उनके परिवारोंवालों को बल्कि आम लोगों को भी बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं।