पति और जेठ को भी आरोपी बनाते फर्जी एसडीएम के खिलाफ चालान पेश –

:: कलेक्ट्रेट के कई विभागों सहित नगर निगम और पुलिस थानों के भी कथन ले उन्हें भी बनाया गवाह ::
इन्दौर । तकरीबन तीन महीने पहले पकड़ी गई फर्जी एसडीएम नीलम पराशर के मामले में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। नीलम के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने लगाई करीब ग्यारह सौ पन्नो की चार्जशीट में नीलम के पति अनिरुद्ध पराशर और जेठ अमित पराशर को भी आरोपी बनाया है। वहीं मामले में एमपी ऑनलाइन सेंटर का संचालक पंकज जैन अभी भी फरार चल रहा है। फर्जी एसडीएम के रूप में पकड़ाई नीलम फिलहाल तीन महीने से जेल में है। डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल के अनुसार तेजाजी नगर निवासी नीलम के खिलाफ सराफा हीरानगर और तेजाजी नगर थाने में भी केस दर्ज हुए हैं। फर्जी एसडीएम नीलम के खिलाफ 45 से ज्यादा बेरोजगारों से नोकरी दिलाने के नाम पर 1 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। नीलम एक साल से एसडीएम बनकर घूम रही थी। उसने महिला बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी कलेक्टोरेट नगर निगम में नौकरी का झांसा देकर लोगों को नियुक्ति पत्र भी सौंप दिए थे। नीलाम ने आर्मी यूनिफॉर्म पहनकर साथ रहने वाले एक युवक को तत्कालीन कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर का जॉइनिंग लेटर सौंपा था। चालान में पुलिस ने सभी विभागों से कथन ले उन्हें भी गवाह बनाया है। फर्जी एसडीएम बनने के लिए नीलम ने राज्यपाल के नाम से खुद का नियुक्ति पत्र बना लिया था। मामले में कई प्रशासनिक अधिकारियों को भी गवाह बनाया गया है। तेजाजी नगर निवासी नीलम के खिलाफ सराफा हीरानगर और तेजाजी नगर थाने में भी केस दर्ज हुए हैं। मिसरोद थाना क्षेत्र के एक मामले में नीलम वीवीआईपी परिवार की शादी में एसडीएम बनकर पहुंची थी। इस शादी में राज्यपाल भी शामिल हुए थे। पुलिस ने मिसरोद पुलिस के भी बयान लगाए हैं। ज्ञात हो कि नीलम पराशर को एक देपालपुर के एक साड़ी व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने पकड़ा था नीलम पहले सागर में फर्जीवाड़ा कर चुकी थी उसके बाद में देपालपुर राऊ और इंदौर में एसडीएम बनकर घूमने लगी। गिरफ्तारी के कुछ दिनों पूर्व उसने साड़ी व्यापारी से 80 हजार की साड़ियां खरीदी और गिरफ्तारी की धमकी दी। व्यापारी क्राइम ब्रांच पहुंचा और नीलम के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया।