शराब पियोगे तब मरोगे ही नीतिश के बयान पर भाजपा ने कहा सुशासन बाबू की नैतिकता कहा

पटना । बिहार में जहरीली शराबकांड में अब तक 73 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन नीतिश सरकार की ओर से न मुआवजे की घोषणा की गई है और न ही किसी तरह की सहानुभूति दिखाई गई। इसके विपरीत इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के उस बयान पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है जिसमें उन्होंने विधानसभा में कहा था कि ‘शराब पियोगे तब मरोगे ही। इस लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोलकर इस शर्मनाक करार दिया है।
प्रसाद ने कहा नीतीश का यह वक्तव्य बहुत ही पीड़ादायक है। इतना शर्मनाक है कि कभी-कभी उनके वक्तव्य पर मुझे शर्म आती है। जो व्यक्ति 17 साल से मुख्यमंत्री हो वह इस तरह की बात बोलता है। एक सहानुभूति के शब्द नहीं हैं। क्या कर रही है उनकी पुलिस। क्यों जहरीली शराब गांव तक पहुंचती है कौन बनाता है बाहर से शराब आती कैसे है।
प्रसाद ने कहा बिहार में शराबबंदी का समर्थन हम लोगों ने भी किया था लेकिन उनकी सरकार शराबबंदी के क्रियान्वयन में पूरी तरह विफल है। यही नहीं प्रदेश में कानून-व्यवस्था भी फेल है। देख रहे हैं कि किस तरीके से हत्याएं हो रही हैं। लूट हो रही है और उसके ऊपर से आप यह तेवर दिखाएंगे। रविशंकर प्रसाद ने कहा आपके अंदर कोई नैतिकता बची है क्या? 70-80 लोग मरे हैं। कई अंधे हो गए हैं और आप मजाक कर रहे हैं। नीतीश सुशासन की बात भूल जाइए और अपनी इस टिप्पणी से पूरे बिहार का मखौल बना दिया है।
वहीं रालोजपा के सांसद चंदन सिंह ने नीतीश के बयान को लेकर जमकर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा शराब से एक दो लोग मरते तब बात समझ में आती लेकिन बिहार में अभी 70-75 लोग शराब से मर गए हैं। पूरा गांव का गांव साफ हो जा रहा है। यह बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है और मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें नहीं बोली चाहिए। सिंह ने कहा शराबबंदी पूरी तरह से सफल होती तब सही थी पूरी तरह से अगर शराब बंद हो जाती तब वह सही थी। इसके लिए बॉर्डर को सील करना चाहिए था।