विविधता में एकता भारत की विशेषता है : परमार
भोपाल । स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि विविधता में एकता भारत की विशेषता है। भारत की संस्कृति और विरासत का वृहद रूप बालरंग में यहाँ दिख रहा है। विविधतापूर्ण रहन-सहन भाषाएँ वेशभूषा देश की पहचान है और अनेकता में एकता से ही भारत सशक्त और समृद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग ज्ञान विज्ञान शिक्षा आदि सभी क्षेत्रों में सदियों से समृद्ध रहे हैं। विश्व के मंच पर विश्व-कल्याण एवं शांति की स्थापना का सामर्थ्य केवल विश्वगुरु की पहचान रहे भारत में है। सम्पूर्ण भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सभी शहीदों को स्मरण कर रहा है। राज्य मंत्री परमार ने कहा कि आजादी के 100 वर्ष बाद वर्ष 2047 के सर्व-संपन्न शक्तिशाली आत्म-निर्भर और विश्व का भरण-पोषण करने योग्य भावी भारत के निर्माण की जिम्मेदारी हम सभी की है।
राज्य मंत्री परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश के विद्यार्थी भारत के विभिन्न राज्यों की भाषाओं में संवाद कर सकें इसके लिए तमिल गुजराती मराठी आदि क्षेत्रीय भाषाओं को सिखाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग कार्य कर रहा है। आज देश के ह्रदय प्रदेश में भारत का सम्पूर्ण स्वरूप दिख रहा है। हम सभी एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने और देश को विश्व में सिरमौर बनाने के भाव को लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं।
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) परमार राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में बच्चों के सांस्कृतिक महोत्सव राष्ट्रीय बालरंग के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय बालरंग में प्रतिभागियों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दी जाने वाली पुरस्कार राशि बढ़ा कर प्रथम पुरुस्कार 51 हजार रूपए द्वितीय पुरस्कार 31 हजार रूपए तृतीय पुरस्कार 21 हजार रूपए एवं सांत्वना पुरस्कार राशि 11 हजार रूपये किए जाने की घोषणा की।
राज्य मंत्री परमार ने बाल पत्रकारों की संपादित समाचार पत्रिका बालपत्र का विमोचन किया। बाल पत्रकारों ने राज्य मंत्री परमार का साक्षात्कार किया और बालरंग में भारतीय संस्कृति के संबंध में प्रश्न पूछे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान लिया।
राज्य मंत्री परमार ने राष्ट्रीय बालरंग महोत्सव में विभिन्न राज्यों की लघु भारत प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बच्चों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बच्चों के द्वारा निर्मित सुरुचिपूर्ण व्यंजनों का स्वाद भी लिया।
आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा ने कहा कि बालरंग कार्यक्रम स्कूली बच्चों के सृजनात्मक कौशल एवं अभिव्यक्ति को निखारने के लिए अवसर है जहाँ बच्चे अपनी स्वाभाविक प्रतिभा को प्रतिस्पर्धात्मक रूप से प्रकट करते हैं। यह कार्यक्रम पिछले 24 वर्ष से लगातार किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण काल में यह कार्यक्रम नहीं आयोजित किया जा सका किंतु अब पुनः बालरंग कार्यक्रम की निरंतरता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग मप्र के बालरंग कार्यक्रम की लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ रही है और अब यह कार्यक्रम वृहद राष्ट्रीय स्वरूप ले रहा है। इस बार भी विभिन्न राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के प्रतिभागी बालरंग कार्यक्रम में प्रतिभागिता कर रहे हैं और राष्ट्रीय बालरंग कार्यक्रम इंद्र-धनुषीय छटा बिखेर रहा है।
राष्ट्र स्तरीय बालरंग में देश भर के 15 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश से आए स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। सभी राज्यों ने अपने दल के साथ मंच के सामने मार्च पास्ट किया।
मप्र स्कूल शिक्षा विभाग एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल द्वारा राष्ट्रीय बालरंग 2022 का आयोजन 17 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 2022 तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में किया जा रहा है।
संचालक लोक शिक्षण के.के. द्विवेदी संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस संयुक्त संचालक भोपाल संभाग अरविंद चौरगढ़े विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी विद्यार्थी और शिक्षकगण उपस्थित रहे।