दादा..पोते के पीठबल …!

दादा …!  एक ऐसा इंसान होता है जो पोते की हर ख्वाहिश को पूरी करता है और पोता भी दादा की पीठ के बल पर ही हर मुश्किल को आसान बनाता है….! ऐसा ही कुछ दादा हिम्मत मेहता अपने पोते भावेश बाबू (रावटी) को अपने पीठबल पर खड़ा होने का मौका प्रदान करते हुए उसकी हौसला अफजाई कर रहे हैं…! कहावत भी है.. मूल से ब्याज प्यारा होता है !

छाया – चेत्राली मेहता (दादी) रावटी।

प्रस्तुति – ऋतुराज बुड़ावनवाला, खाचरौद (उज्जैन)