अमेरिका मानता है मोदी की छवि ग्लोबल लीडर की

:: जीआईएस में शामिल होने आए काउंसल जनरल बोले अमेरिका मप्र में अपनी कंपनियों का कनेक्शन बढ़ाना चाहता है ::
इंदौर । अमेरिका भारत में अपनी व्यापारिक साझेदारी बढ़ाने के साथ यहां-खासकर मप्र में यूएसए की कंपनियों का कनेक्शन बढ़ाना चाहता है। ऐसी सारी संभावनाएं तलाशने ग्लोबल इंवेस्टर समिट में मुंबई स्थित अमरीकी दूतावास के महावाणिज्य दूत माइक हैंकी आए हुए हैं। उन्होंने कहा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम अमरीकी ग्लोबल लीडर की नजर से देखता है।
उन्होंने कहा भारत के साथ अमेरिका के संबंधों में घनिष्ठता का एक प्रमुख कारण यह भी है कि हमारे व्यावसायिक ग्रीन एनर्जी और कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने में आपसी समझ में अंतर नहीं है। हमारी भी यही कोशिश रहती है कि भारत की तरह हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए।
मैं मप्र सरकार यहां स्थापित कंपनियों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हूं। उज्जैन स्थित अवंतिका यूनिवर्सिटी के अवलोकन में देखा कि इंजीनियर और डिजाइन में 70 फीसदी छात्राओं की भागीदारी है। शैक्षणिक संस्थानों को हम कैसे मदद कर सकते हैं इस लिहाज से अवलोकन करने गए थे। अगली यात्रा में इंदौर के आईआईटी और आयएएम संस्थान का अवलोकन करेंगे।
चुनिंदा पत्रकारों से उन्होंने अमेरिकी नागरिकों में गांधी और मोदी के प्रभाव भारतीयों के लिए वीजा की समस्या भारत-यूएसए के बीच व्यापारिक भागीदारी और भारत और पाकिस्तान में अमेरिका की वरियता में कौन जैसे प्रश्नों के जवाब भी दिए।
महात्मा गांधी के संबंध में उनका कहना था अमेरिका में गांधीजी के विचार पहले भी प्रासंगिक थे और आज भी उनके विचारों का सम्मान इसलिए भी है क्योंकि वे मार्टिन लूथर किंग के नागरिक अधिकारों से प्रभावित थे।आज अमेरिका में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्लोबल लीडर की छवि मानी जाती है जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिलने से मोदी जी का कद और बढ़ गया है।
भारत और यूएसए की लीडरशिप के जो लक्ष्य है एक समान है। सरकारें बदलने से लक्ष्य नहीं बदलते। दोनों देश सुरक्षा खुशहाली संबंधों में खुलापन चाहते हैं।
मुंबई स्थित अमरीकी दूतावास में काउंसल जनरल की हैसियत से वीजा संबंधी मामलों को लेकर उनका कहना था वीजा संबंधी जटिल प्रक्रिया की दूतावास को भी जानकारी है लेकिन इस प्रक्रिया को इस साल सुगम करने की दिशा में काम चल रहा है। जहां तक वीजा मंजूरी का सवाल है तो छात्रों विभिन्न कंपनियों में काम के लिए जाने वालों मेडिकल इशु बिजनेस संबंधी मामलों में वीजा को बिना विलंब मंजूरी दी जा रही है। जिन आवेदकों के पास पहले से वीजा है उनके वीजा भी शीघ्र रिन्यू किए जा रहे हैं। वीजा में विलंब का एक कारण बेक ऑफिस वाली प्रक्रिया भी है भारत की इस परेशानी को वाशिंगटन गंभीरता से ले रहा है।
भारत और पाकिस्तान में अमेरिका किसे प्रमुखता देता है। काउंसल जनरल हेंकी का कहना था हमारे दोनों देशों से संबंध हैं ये संबंध ऐसे हैं जिनसे न तो टकराव की स्थिति बनती है और न ही हमारे आपसी संबंधों पर प्रभाव पड़ता है।
:: इंदौर ब्यूटीफुल सिटी आय लव इट ::
कोयम्बटूर (तमिलनाडु) में पढ़ाई कर चुके माइक हेंकी तीन भाषाओं तमिल अरबी और फ्रेंच के अच्छे ज्ञाता हैं। मुंबई से पहले माइक हैंकी अम्मान में अमेरिकी मिशन के उप प्रमुख थे। काउंसल जनरल से पहले वे पत्रकार रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में उनकी यह दूसरी और इंदौर की पहली यात्रा है। उनकी नजर में इंदौर ब्यूटीफुल सिटी है आय लव इट साफसफाई वाला शहर है और बिजनेस के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं है।