भारतीय इकॉनमी ग्रोथ 2023 में 6.1 फीसदी जबकि 2024 में 6.8 फीसदी रहने की संभावना
नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि 2023 और 2024 में भारत की इकॉनामी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनामी होगी। आईएमएफ के मुताबिक भारतीय इकॉनमी की ग्रोथ के 2023 में 6.1 फीसदी रहने की संभावना है जबकि 2024 में यह 6.8 फीसदी रह सकती है। दूसरी ओर ग्लोबल इकॉनामी में 2023 में गिरावट आने की आशंका है। 2022 में इसके 3.4 फीसदी रहने का अनुमान था जबकि 2023 में यह 2.9 फीसदी रह सकती है। ग्लोबल इकॉनामी की ग्रोथ 2024 में 3.1 फीसदी रह सकती है। इसी तरह 2023 में चीन की इकॉनामी 5.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। 2022 में उसकी रफ्तार तीन फीसदी रही जबकि 2024 में यह 4.5 फीसदी रह सकती है। आईएमएफ के चीफ इकानॉमिस्ट और डायरेक्टर ने कहा कि 2022 के लिए हमारे पिछले अनुमान में कोई बदलाव नहीं आया है। इस दौरान भारत की इकॉनामी 6.8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। 2023 में इसमें थोड़ा गिरावट आ सकती है और यह 6.1 फीसदी रह सकती है। लेकिन 2024 में इसमें फिर 6.8 फीसदी की तेजी आ सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में इकॉनामिक सर्वे पेश करेंगी। उससे पहले आईएमएफ का अनुमान उत्साह बढ़ाने वाला है।
आईएमएफ के मुताबिक 2023 में अमेरिका की इकॉनामी का ग्रोथ रेट 1.4 फीसदी रह सकता है। जापान का ग्रोथ रेट 1.8 फीसदी ब्रिटेन का -0.6 फीसदी कनाडा का 1.5 फीसदी और चीन का 5.2 फीसदी रहेगा। इसी तरह यूरो एरिया का ग्रोथ रेट 2023 में 0.7 फीसदी रहने का अनुमान है। इस दौरान चीन की इकॉनामी 5.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। 2022 में उसकी रफ्तार तीन फीसदी रही थी जबकि 2024 में यह 4.5 फीसदी रह सकती है। 2022 के दौरान केवल सऊदी अरब की इकॉनामी की रफ्तार ही भारत से अधिक रहने का अनुमान है। इस दौरान इस अरब देश की इकॉनामी 8.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। साल 2022 में चीन में जीरो कोविड नीति के कारण देश की जीडीपी ग्रोथ गिरकर तीन फीसदी तक आ गई थी। 2023 में चीन की इकॉनामी के 5.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है लेकिन 2024 में इसमें फिर गिरावट आ सकती है। इस दौरान चीन की इकॉनामी की ग्रोथ 4.5 फीसदी रह सकती है।