नई दिल्ली । राजकोषीय समेकन के पथ पर अग्रसर रहते हुए सरकार का उद्देश्य राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक नीचे ले आने का है। यह जानकारी केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज 01 फरवरी 2023 को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए दी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राजकोषीय घाटे के बीई 2023-24 में जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2023-24 में राजकोषीय घाटे के वित्त पोषण के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है। शेष वित्तपोषण लघु बचतों और अन्य स्रोतों से आने की अपेक्षा है। सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट अनुमान 2023-24 में उधारियों से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपए और 45 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है। निवल कर प्राप्तियां 23.3 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने कहा कि संशोधित अनुमान 2023-24 में उधारियों से इतर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 20.9 लाख करोड़ रुपए है। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 41.9 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 7.3 लाख करोड़ रुपए है। राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान आरई 2022-23 में जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है जो बजट अनुमान के अनुरूप है।
राजस्व घाटा
वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व घाटे के 2022-23 में 4.1 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 2.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। लगातार सालों में वैश्विक बाधाओं तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं जो घरेलू आर्थिक नीतिगत उपायों के प्रत्यक्ष नियंत्रण के अकसर परे हैं। हालांकि नए विकास और कल्याण संबंधित व्यय प्रतिबद्धताओं कर प्राप्तियों में उछाल तथा वर्ष के दौरान लक्षित व्यय विवेकीकरण ने तेज समावेशी विकास पर जोर बनाए रखने में सहायता की है।
राजकोषीय नीति वक्तव्य में कहा गया है कि अचानक भू-राजनीतिक संघर्ष के अचानक भड़क जाने से वित्त वर्ष 2022-23 में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा जिससे निर्बल वर्गों की सहायता करने एवं बृहद आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चतर खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी की सहायता महसूस हुई।
श्रीमती सीतारामन ने वित्त वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे के राजकोषीय घाटे के स्तर को प्राप्त करने के लिए राजकोषीय समेकन के व्यापक पथ का अनुसरण करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। सरकार स्थिर व्यापक आधारित आर्थिक वृद्धि अर्जित करने तथा राजकोषीय अखंडता के पथ का अनुसरण करते हुए लोगों के जीवन/आजीविकाओं की रक्षा करने के लिए आवश्यक अपने प्रयासों को जारी रखेगी।
कर राजस्व
सकल कर राजस्व (जीटीआर) के वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 10.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही कर प्राप्तियों में क्रमशः 10.5 प्रतिशत और 10.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। राजकोषीय नीति विवरण में कहा गया कि ऐसा अनुमान है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर जीटीआर में क्रमशः 54.4 प्रतिशत और 45.6 प्रतिशत का योगदान देते हैं। जीडीपी के टैक्स अनुपात के 11.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। कर नीति का समग्र मध्य अवधि जोर प्रशुल्क संरचना को विवेकपूर्ण बनाने तथा कर आधार को विस्तृत करने की दिशा में है। यह इनवर्टेड कर ढांचों जो कर संरचना में शामिल हो गई हैं को दूर करने तथा छूटों को सीमित करने के द्वारा अर्जित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कर आधार को विस्तृत करने करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाने आपूर्ति श्रृंखला के औपचारिकरण और व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
राजस्व प्राप्तियां और राजस्व व्यय के बीच संतुलन
केंद्र सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बजट अनुमान 2023-24 में क्रमशः 26.32 लाख करोड़ रुपए और 35.02 लाख करोड़ रुपए का अनुमान है। इसके आधार पर राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बीच अनुपात बजट अनुमान 2023-24 में 75.2 प्रतिशत अनुमानित किया गया है जो संशोधित अनुमान 2022 -23 और वित्त वर्ष 2021-22 के क्रमशः 67.9 प्रतिशत और 67.8 प्रतिशत से बढ़कर बीई 2023-24 में 75.2 प्रतिशत अनुमानित है। कर-जीडीपी अनुपात बजट अनुमान 2022-23 में 10.7 प्रतिशत था जो संशोधित अनुमान 2022-23 और बजट अनुमान 2023-24 में बढ़कर 11.1 प्रतिशत हो गया है। पूंजीगत व्यय और राजकोषीय घाटे के बीच का अनुपात (कैपेक्स-एफडी) बजट अनुमान 2023-24 में 56.0 प्रतिशत अनुमानित किया गया है जबकि संशोधित अनुमान 2022-23 और वित्त वर्ष 2021-22 में यह क्रमशः 41.5 प्रतिशत और 37.4 प्रतिशत था।
गैर कर राजस्व
गैर कर राजस्व के राजस्व प्राप्ति में 11.5 प्रतिशत के योगदान देने का अनुमान है और इसके 3.02 लाख करोड़ होने का अनुमान है जो 2.62 लाख करोड़ के आरई 2022-23 की तुलना में 15.2 प्रतिशत अधिक है।
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां
बीई 2023-24 में गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां (एनडीसीआर) के 84000 करोड़ रहने का अनुमान है जिसमें ऋणों और अग्रिमों (23000 करोड़) की रिकवरी प्राप्तियां सड़कों के मौद्रिकरण (10000 करोड़) आदि से प्राप्तियां आदि शामिल हैं। गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों की वास्तविक प्राप्ति व्याप्त बाजार स्थितियों सरकारी हिस्सेदारी आदि को सुपूर्द अपेक्षित मूल्यांकन पर उल्लेखनीय रूप से निर्भर करती है।
राज्यों के राजकोषीय घाटे
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे की अनुमति होगी जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा। राज्यों को भी 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। राज्यों के निमित्त संपूर्ण 50 वर्षीय ऋण को वर्ष 2023-24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च किए जाने हैं। इनमें से अधिकांश ऋण व्यय राज्यों के विवेक पर निर्भर करेंगे परंतु इस ऋण का एक हिस्सा उनके द्वारा वास्तविक पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा। इस परिव्यय के हिस्से निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए भी जोड़े या आवंटित किए जाएंगेः