कोलकाता । कोरोना के बाद अब एक और वायरस पैर पसार रहा है। इसका नाम एडिनोवायरस है। फिलहाल ये वायरस पश्चिम बंगाल में तेजी से फैल रहा है। एडिनोवायरस की चपेट में छोटे बच्चे आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बंगाल में एडिनोवायरस की वजह से अब तक 12 बच्चों की मौत हुई है। इनमें से आठ वे बच्चे थे, जो पहले से किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे थे।
हालांकि, प्रशासन ने पिछले 24 घंटों में हुई मौतों को एडिनोवायरस डेथ नहीं माना है। उनका कहना है कि इस मौसम में ये संक्रमण (एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन) आम है। प्रशासन ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी कर रखी है। 600 बाल रोग विशेषज्ञों के साथ 121 अस्पतालों में पांच हजार बेड तैयार रखे हैं।
ममता सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बीते एक महीने में एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एआरआई) के 5,213 मामले सामने आए हैं। एआरआई एक मौसमी समस्या है। इसतरह के मामले इसलिए ज्यादा सामने आ रहे हैं, क्योंकि बीते दो साल में कोविड के कारण ये पकड़ में नहीं आ सका था।
एडिनोवायरस इन्फेक्शन एक वायरल बीमारी है, जो एडिनोवायरस की वजह से होती है। ये रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी सांस की नली पर हमला करता है। इससे संक्रमित होने पर आम कोल्ड जैसा संक्रमण होता है।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार एडिनोवायरस से किसी भी उम्र का व्यक्ति कभी भी संक्रमित हो सकता है। छोटे बच्चों को इससे ज्यादा खतरा है। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दो साल तक के बच्चों को इसका सबसे ज्यादा खतरा है। इससे बड़ी उम्र के बच्चों के इससे संक्रमित होने के कम उम्मीद हैं।
इससे संक्रमित होने पर कॉमन कोल्ड या फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा बुखार, गले का सूखना, एक्यूट ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या भी आती है। इसके अलावा निमोनिया, आंखों में गुलाबीपन, डायरिया, उल्टी और पेट दर्द जैसी शिकायत भी होती है। कुछ लोगों को ब्लेडर इन्फेक्शन भी हो सकता है। चूंकि ये वायरल बीमारी है, इसकारण किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है। हवा के जरिए भी खांसने या छींकने से ये फैल सकता है।