नई दिल्ली । मुसीबत में घिरे गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की निगेटिव रिपोर्ट के बाद अपना ट्रैक बदल दिया है। उनका ग्रुप पहले तेजी से विभिन्न क्षेत्रों में अपना विस्तार कर रहा था लेकिन अब उसका जोर कर्ज कम करने पर है। इस बीच अडानी फिर से अपनी दो कंपनियों के शेयर गिरवी रखने पड़े हैं। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के लोन को सपोर्ट करने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा है। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक अडानी ने अडानी ट्रांसमिशन के 0.99 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी के 0.76 फीसदी शेयर एसबीआईकैप ट्रस्टी के पास गिरवी रखे हैं। मौजूदा कीमत के हिसाब से इन शेयरों की कीमत 1,670 करोड़ रुपए बैठती है। इससे एक दिन पहले ही अडानी ग्रुप ने अपनी चार कंपनियों के शेयर छुड़ाए थे। एसबीआईकैप ट्रस्टी देश से सबसे बड़े बैंक एसबीआई की एक यूनिट है। उसका कहना है कि अडानी एंटरप्राइजेज के लेंडर्स को बेनिफिट देने के लिए इन शेयरों को गिरवी रखा गया है। इसके साथ ही अडानी ट्रांसमिशन में अडानी के गिरवी शेयरों की संख्या 1.32 फीसदी और अडानी ट्रांसमिशन में दो फीसदी पहुंच गई है। हालांकि एसबीआईकैप ने साफ किया है कि वह केवल सिक्योरिटी के तौर पर शेयरों को रखती है।
कंपनी अपने कस्टमर्स (लेंडर्स) के दिशानिर्देश पर ऐसा करती है और वह लेंडिंग के बिजनस में नहीं है। यानी वह किसी कंपनी को लोन या कर्ज नहीं देती है। हालांकि कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स ने किस लोन के लिए अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं और ये किस लेंडर के लिए हैं। इस बीच अडानी ग्रुप ने 4,100 करोड़ रुपए के ब्रिज लोन का भुगतान कर दिया है। इसका भुगतान गुरुवार तक किया जाना था। एक खबर के मुताबिक अडानी ग्रुप ने मंगलवार को ही पैसा रिलीज कर दिया था। अडानी ग्रुप ने अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी को खरीदने के लिए यह ब्रिज लोन लिया था। एसबीआईकैप ने कहा कि अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर छह मार्च को गिरवी रखे गए। इससे पहले मंगलवार को अडानी ग्रुप ने 73.74 अरब रुपये (करीब 90 करोड़ डॉलर) के कर्ज का समय से पहले भुगतान करके अपनी कई कंपनियों के शेयर छुड़ाए थे। इससे अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्टस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के शेयर रिलीज होंगे।