-विदेश मंत्री जयशंकर ने सऊदी समकक्ष से की बातचीत, जरुरी सुविधाएं कराएंगे मुहैया
रियाद। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हिंसाग्रस्त सूडान से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर सऊदी अरब पहुंचा दिया गया है। सूडान में इस समय चारों ओर हिंसा हो रही है। इस बीच हिंसाग्रस्त सूडान से सऊदी अरब द्वारा निकाले गए ‘मित्रवत और भाईचारे वाले देशों’ के 66 लोगों में भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। निकासी विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अपने सऊदी अरब समकक्ष से बात करने के कुछ दिनों बाद हुई। वहां सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई के कारण सूडान हिंसा का सामना कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 72 घंटे के सीजफायर के बीच भी हिंसा की खबरें आ रही हैं। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि सऊदी अरब के नेतृत्व के निर्देशों के कार्यान्वयन में, हम सूडान से सऊदी अरब के निकाले गए नागरिकों और राजनयिकों और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों सहित भाईचारे और मित्र देशों के कई नागरिकों के सुरक्षित आगमन की घोषणा करते हुए प्रसन्न हैं। मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी अफ्रीकी देश सूडान से न केवल उसके अपने नागरिकों बल्कि सहयोगी और मित्र राष्ट्रों के कई नागरिकों को निकाला गया।
मंत्रायल के बयान में आगे कहा गया है कि निकाले गए नागरिकों की संख्या 91 तक पहुंच गई, जबकि भाईचारे और मित्र देशों के निकाले गए नागरिकों की संख्या लगभग 66 तक पहुंच गई। इनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, बुल्गारिया, कुवैत, कतर, यूएई, मिस्र, ट्यूनिशिया, फिलीपींस, कनाडा और बुर्किना फासो के नागरिक हैं। सऊदी अरब इन सभी को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएम मोदी ने सूडान में हाल के घटनाक्रमों का आकलन किया और वर्तमान में देश भर में स्थित 3,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ जमीनी स्थितियों की पहली रिपोर्ट प्राप्त की। वहीं एक भारतीय नागरिक के निधन पर शोक व्यक्त किया, जो पिछले सप्ताह गोली का शिकार हो गया था।
गौरतलब है कि सूडान के सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो के प्रति वफादार बलों के बीच लड़ाई तेज हो गई है। सेना का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे हैं वहीं अर्द्धसैनिक बल का नेतृत्व मोहम्मद हमदान डागालो कर रहे हैं। सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट किया था। तबसे वह संप्रभुता परिषद के जरिए देश चला रहा है। वहीं जबकि आरएसएफ खुद को देश की सेना का हिस्सा मान रहा हैं और सूडान में फिर से नागरिक सरकार स्थापित करना चाहता है।