इन्दौर । देश में आज न्यायालय, चुनाव आयोग और विश्वविद्यालय जैसी सभी संस्थाएं कैप्चर की जा चुकी हैं। देश के संविधान के लिए भी यह एक बड़ा खतरा है।
यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने इन्दौर प्रेस क्लब के प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उनके साथ सांसद विवेक तनखा भी मौजूद थे। कपिल सिब्बल ने कहा कि आज जिस तरह से देश में आवाज को दबाया जा रहा है वह देश के भविष्य के लिए ही खतरा बनेगा। कपिल सिब्बल ने कहा पिछली सरकारों में भी कई गलतियां हुई लेकिन अब हद पार हो चुकी है। जिस राज्य में विपक्ष की सरकार है वहां पर ईडी के लगातार छापे पड़ते हैं। जिस संस्थान में आपकी सरकार की बात नहीं सुनी जाती वहां पर लगातार परेशानियां पैदा की जाती हैं। इस तरह से कोई भी सरकार देश को नहीं चला सकती। सिब्बल ने कहा आज देश में शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे बड़ी जरूरत हैं लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। देश में एक लाख स्कूल सिर्फ एक टीचर से चल रहे हैं, वही 11 लाख शिक्षकों की भर्तियां खाली पड़ी है।
:: अतीक और अशरफ की हत्या पर उठाए कई सवाल ::
उत्तर प्रदेश में हुई अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि हत्यारों ने कई राउंड गोलियां चलाई लेकिन पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई। ऐसी क्या हेल्प इमरजेंसी थी कि दोनों को रात 10 बजे अस्पताल ले जाना पड़ा। अस्पताल में भी उन दोनों को गेट से बहुत दूर उतारा गया। पत्रकारों को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को अस्पताल लाया जा रहा है। इससे भी अधिक बुरी बात यह है कि उनकी हत्या होने के बाद कुछ लोग इसे जश्न के रूप में मना रहे हैं।
:: राहुल का केस किस आधार पर कानूनी ::
सिब्बल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को लेकर कोर्ट का जो फैसला आया है उसका कानून से क्या ताल्लुक है। जिसके लिए कहा गया कि ये मानहानि की बात है, उसने तो केस लगाया ही नहीं। तीनों मोदियों में से किसी ने मुकदमा नहीं किया। राहुल ने बयान दिया कर्नाटक में, मुकदमा दर्ज हुआ सूरत में और इस बात पर दर्ज हुआ कि बैकवर्ड है, पर मोदी तो बैकवर्ड है ही नहीं। तो ये मुकदमा है क्या?