नई दिल्ली । अडानी समूह की दो कंपिनयों के बाद तीसरी कंपनी अडानी रिन्यूएबल एनर्जी भी फंड जुआ सकेगी। इस तरह से कंपनियों के शेयरों को 21,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना से सहारा मिल सकता है। सप्ताहांत में अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिए क्रमश: 12,500 करोड़ रुपए व 8,500 करोड़ रुपए जुटाने की योजना की घोषणा की थी। गौतम अडानी की अगुआई वाली बंदरगाह से लेकर बिजली क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अडानी रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ से पूंजी जुटाने का यह नया मामला होगा। गौरतलब है कि जनवरी में हिंडनबर्ग में आई रिपोर्ट के बाद उसे 20,000 करोड़ रुपए के एफपीओ को टालना पड़ा था। इस रिपोर्ट से निवेशकों का भरोसा डगमगा गया था और इस वजह से समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी नीचे आ गई थी। एक विश्लेषक ने कहा कि जनवरी की रिपोर्ट के बाद चार महीने से कम अवधि में रकम जुटाने का प्रस्ताव बाजार को सही संकेत देगा। यह बताता है कि समूह बाजार में एक बार फिर उतरने को लेकर पर्याप्त रूप से भरोसेमंद है और बड़े निवेशकों से कुछ प्रतिबद्धता हासिल हुई है।
विश्लेषकों के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2022 में शेयरों की दरें 6,100 रुपए रही, जिसके 2023 में 7,106 रुपए और 2024 में 7,639 रुपए पर पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा मध्यम अवधि में मांग-आपूर्ति का आयाम भारतीय हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के लिए बेहतर बना रहेगा। इसके अलावा अडानी रिन्यूएबल एनर्जी ने अपनी बोर्ड बैठक को पुनर्निर्धारित किया है। यह बैठक 13 मई से 24 मई को होनी थी। इसे पुनर्निर्धारित करने के लिए ‘कुछ विशेष परिस्थितियों’ का हवाला दिया गया था। बोर्ड की बैठक धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार करने और उसे मंजूरी देने के लिए निर्धारित है।