झाबुआ जिला पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा सोमवार को की गई संयुक्त कार्रवाई में अवैध रूप से संचालित की जा रही दो बसों सहित चार जीप गाड़ियां जप्त कर निकटवर्ती पुलिस थाने की अभिरक्षा में दिया गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त सभी वाहन नियमों की परवाह किए बिना बगैर दस्तावेज के ही चलाए जा रहे थे।
कार्यवाही के संबंध में जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती कृतिका मोहता एवं जिला पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में बसों एवं अन्य चार पहिया वाहनों की जांच शुरू की गई है। जांच के दौरान दो बसों और चार जीप गाड़ियों में संचालन हेतु आवश्यक दस्तावेज नहीं थे, जिन्हें बरामद कर पुलिस अभिरक्षा में दिया गया है। जबकि तीन अन्य वाहनों पर जुर्माना लगाकर ओर हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया है।
जांच के दौरान बामनिया में भगवती ट्रेवल्स की बस बिना दस्तावेज पाई गई जिसे मौके पर जप्त कर बामनिया थाने पर खड़ा करवाया गया, इसी दौरान बस ड्राइवर मौके से फरार हो गया । पेटलावद क्षेत्र के रायपुरिया में भी एक बस नंबर MH14CW4123 बिना कागज के रतलाम की तरफ जाती पाई गई, ड्राइवर ने पूछताछ में बताया की इसकी जगह दूसरी बस है लेकिन वो खराब होने के कारण इसे ले आए। बस को बिना परमिट संचालित पाए जाने पर थाना रायपुरिया की अभिरक्षा में सौंप दिया गया है। परिवहन विभाग द्वारा आज ग्राम पारा में भी ओवरलोड वाहनों पर की गई कार्यवाही के दौरान पारा- राणापुर क्षेत्र में तूफान, बोलेरो जीप गाड़ियों की छत और पायदान पर यात्रियों को लटकते हुए यात्रा कराने वाले वाहनों पर भी आज कार्यवाही की गई। कार्रवाई के दौरान 4 वाहनों को जप्त क पारा चौकी पर खड़ा कराया गया है, जबकि 3 वाहनों पर तत्काल 12,600 रुपए का जुर्माना किया गया, ओर उन्हें हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया है।
जिले के परिवहन विभाग के नाकारापन ओर पुलिस विभाग की अनदेखी की वजह से संपूर्ण जिले की ट्राफिक व्यवस्था लंबे समय से छिन्न-भिन्न अवस्था में है। पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा समय समय पर बसों के अवैध संचालन और ओवरलोडिंग के विरुद्ध कार्यवाही का दावा किया जाता रहा है, किन्तु प्रशासनिक तौर पर पकड़ा धकड़ी के किए गए ऐसे प्रयास अंततः रस्म अदायगी ही साबित होते हुए दिखाई देने लगते हैं। इक्का-दुक्का सवारी वाहनों पर कार्रवाई कर परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा अपनी पीठ ठोकने का कार्य किया जाता रहा है, किंतु जानकारों के अनुसार बड़ी संख्या में नियमों की अनदेखी करते हुए एवं अवैध रूप से संचालित की जाने वाली बसें एवं अन्य चार पहिया वाहन प्रशासनिक कार्रवाई से बचे ही रह जाते है। जिले में इस तरह के अवैध व्यवसाय पर संपूर्ण रूप से लगाम आखिर कब लगेगी? एक तरफ नियमों के विरुद्ध बसों का संचालन, तो दूसरी तरफ ओवरलोडिंग की विकराल समस्या मुंह बाएं खड़ी दिखाई देती है। यात्री बसों में नियत से अधिक सवारी भरना, तो सामान्य सी बात है, किंतु तूफान ओर मैजिक वाहनों में, यहां तक कि लोडिंग वाहनों और ट्रेक्टर ट्रालियों तक में ठूंस ठूंस कर सवारियां भरकर कान फोड़ू गाने बजाते हुए ओर प्रेशर हॉर्न का उपयोग करते हुए बाजारों से गुजरना एक सामान्य बात है। परिवहन ओर पुलिस की देखा-देखी में रोजाना यह सब होते रहना आखिर क्या संकेत करता है?
इन वाहनों के खिलाफ कथित तौर पर शुरू किया गया अभियान क्या अब अपने अंजाम पर पहुंचेगा? ओर जिला मुख्यालय सहित नगरों ओर गांवों में प्रशासन को चिढ़ाते हुए गुजरने वाले उक्त वाहनों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए इन वाहनों से भयभीत राहगीरों को क्या निजात मिलेगी? या फिर एक बार ओर विभागीय रस्म अदायगी कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाएगी।