देवेंद्र साहू—
फिल्म इंडस्ट्री में कम्पलीट फ़िल्मकार की मान्यता उन्ही को मिली है जिनमें स्क्रिप्ट,विज़न, म्यूजिक और अपने डायरेक्शन एप्रोच को हूबहू सिल्वर स्क्रीन पर शिद्दत से उतारने की क्षमता हो l फिल्म का जॉनर कोई भी क्यों न हो कांसेप्ट के मुताबिक उसे पेश करने का जूनून और रिजल्ट वाजिब मिले यही फिल्म के निर्देशक की क़ाबलियत होती हैं l इसी श्रंखला में के.आसिफ,मेहबूब खान, वी.शांताराम,बी.आर चोपड़ा,राज कपूर,गुरु दत्त,यश चोपड़ा,राज खोसला,विजय आनंद,सुभाष घई आदि फिल्मकारों की लम्बी फेहरिस्त मौजूद है l
मगर आज मैं आपसे उस शख्स से मिलवाने जा रहा हूँ जिन्हे एक कम्पलीट फिल्म मेकर बनने के लिए स्पॉट बॉय से लेकर फिल्म प्रोडक्शन जैसे जटिल काम करने का लम्बा सफर तय करना पड़ा उन्होंने लेखन और निर्देशन सरीखे संवेदनशील और क्रिएटिव हुनर ही नहीं सीखा बल्कि उसमें अपना लोहा भी मनवाया l उस मल्टी माइंडेड पर्सनालिटी का नाम है सुदीप डी.मुखर्जी l
कई सालों के स्ट्रगल और रंजन कुमार सिंह,लेख टंडन और प्रकाश मेहरा जैसे दिग्गज निर्देशकों की सोहबत में रहकर सुदीप डी.मुखर्जी ने निर्देशन शिल्प की बारीकियां सीखी और मौका और दस्तूर उनके हाथ लगा जिसके तहत बतौर निर्देशक उन्होंने निर्माता बेला गांगुली और कमलेश परमार की फिल्म ‘करवट ‘ से अपने कैरियर का आगाज़ कियाl