अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील का दावा
लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे का सोमवार को 5वां दिन है। लेकिन इस दौरान मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील ने एक बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सर्वे के दौरान मस्जिद में दिख रहा त्रिशूल का चिन्ह वास्तव में त्रिशूल का चिन्ह नहीं है बल्कि अल्लाह लिखा हुआ है।
कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने बताया कि जितने भी दावे इस समय मीडिया रिपोर्ट में मंदिर को लेकर किया जा रहा है, वह कमीशन की कार्यवाही के वक्त की तस्वीरें और वीडियोज हैं। अभी हो रही है एएसआई सर्वे कमीशन की कोई भी रिपोर्ट बाहर नहीं आ सकती, क्योंकि इस लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
अखलाक अहमद ने कहा कि जितनी भी तस्वीरें बाहर आ रही हैं, वह पिछली बार एडवोकेट सर्वे की कार्यवाही में ली हुई तस्वीरें हैं। उन्होंने बताया कि एएसआई को यह जांच करना है कि मस्जिद के नीचे आखिर है क्या? जो भी फोटो वीडियो चलाया जा रहा है वह पिछली बार वकील कमीशन की कार्यवाही के दौरान का है और उसको फिर से क्यों नए तरीके से डेवलप कर रहे हैं?
वकील ने कहा कि दिखाई जा रही मस्जिद के गुंबद की तस्वीरें भी पिछली बार की हैं। अभी हो रही एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद होकर कोर्ट में जानी है। वह बाहर आ ही नहीं सकती है।
ज्ञानवापी मस्जिद में त्रिशूल के चिन्ह मिलने के सवाल पर वकील ने कहा कि जिसको आप त्रिशूल कह रहे हैं हम उसको अल्लाह लिखा हुआ मानते हैं। क्योंकि अल्लाह भी वैसे ही लिखा जाता है। उन्होंने दावा किया कि वह त्रिशूल नहीं, बल्कि अल्लाह लिखा हुआ है। अखलाक अहमद ने फिर दोहराया कि रिपोर्ट जब सामने आएगी तब उसमें निकलकर सामने आएगा। मामले में किसी तरह की फोरकास्टिंग करने की जरूरत नहीं है।