कांग्रेस सरकार की दलित हितेषी योजनाएं जो भाजपा सरकार ने बंद कर दी हैं, उन्हें तत्काल चालू किया जाये : प्रदीप अहिरवार

भोपाल । मप्र कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार की पत्रकार वार्ता

  1. वर्ष 2009 में उज्जैन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा रविदास राष्ट्रीय स्मारक की घोषणा की थी। जिसका आज तक कोई अतापता नहीं है।
  2. 9 अगस्त 2019 में संत शिरोमणि मंदिर भाजपा की केन्द्र सरकार रहते हुए मंदिर ध्वस्त किया गया।
  3. बेकलांग के एक लाख बत्तीस हजार पर अनुसूचित जाति वर्ग के पद खाली है, भाजपा सरकार इन पदों पर शीघ्र नियुक्ति करें।
  4. दिग्वजय सिंह की सरकार में जो जमीन आवंटित की गई थी वो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कब्जे में है।
  5. दिग्वजय सिंह की सरकार में कानून बनाया गया था की सरकारी टेंडरो में 30 प्रतिशत की सामग्री दलित वर्गो के व्यापारियों से ली जाएगी उसको भाजपा सरकार द्वारा खत्म क्यों किया गया।
  6. दिग्विजय सिंह की सरकार में दलित वर्ग के युवाओं को व्यापार के क्षेत्र में आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने की 33 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी उसको क्यों खत्म कर दिया गया?
  7. दिग्विजय सिंह की सरकार में वित्त विकास निगम का गठन किया गया था, जिसे भाजपा सरकार ने क्यों खत्म कर दिया?
  8. 2 अप्रेल, 2018 में हुए दलित आंदोलन में शहीद हुये अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों के हत्यारों को शिवराजसिंह सरकार ने अभी तक कोई सजा क्यों नहीं दिलायी?
  • भाजपा सरकार में लगागार दलित आदिवासी महापुरूषों को अपमान हो रहा है
    मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के ग्राम बरखेड़ा कुर्मी में पिछले सप्ताह बाबा साहब की प्रतिमा की प्रतिमा को छतिग्रस्त कर दिया गया। ग्राम मुस्करा में भी ऐसी घटना घटी थी। जिससे अपराधियो के हौसले बुलंद हुए। मैं मुख्यमंत्री जी से पुछना चाहता कि जब उनके जिले में संविधान निर्माता बाबा साहब की मूर्ति को तोड़ा गया था फिर अन्य जिले में क्या स्थिति होगी आप समझ सकते है।
    सबलगढ़ जिला मुरैना में भी पिछले महिने कबीरदास एवं बुद्ध की प्रतिमा को ध्वस्त किया गया।
    भिण्ड में बुद्ध विहार में घुसकर भिक्क्षुओं की पिटाई की गई। छतरपरु में दलितो के चेहरों पर मल लगाया गया। शिवपुरी में दलितों के चेहरे काले कर जूतों की माला पहनाकर उन्हें मल खिलाया गया।
    मध्यप्रदेश कानून-व्यवस्था की दृष्टि से बद से बदतर राज्य के रूप में अपनी सहभागिता दर्ज करा चुका है। एनसीआरबी के तमाम आंकड़े कांग्रेस के इस आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। चाहे महिलाओं, अजा और अजजा के प्रति अत्याचार हो, बलात्कार, गैंगरेप, गैंगरेप के बाद बहनों की हत्या, राशन माफियाओं का जोर, शराब, लकड़ी, रेत यह सभी माफिया एक समानांतर सरकार के रूप में चुनौती दे रहे हैं और सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पूरे प्रदेश में हर आरोपी को सरकार का ही संरक्षण प्राप्त हो रहा है। सागर में युवक के चेहरे पर मैला लगाया गया, विदिशा में एक बच्ची की आत्महत्या में भाजपा नेताओं के नाम सामने आये, मुख्यमंत्री ने उन्हंे बचाया। सीधी में जिस तरह आदिवासी भाई के मुंह पर पेशाब कांड की घटना हुई, आरोपी से पहले भाजपा ने किनारा किया और बाद में चेहरा सामने आने के बाद आदिवासी समाज से डरकर, अपने पापों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री ने पैर पकड़ने का स्वांग रचा। सागर संभाग आज पूरी तरह कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को चुनौती दे रहा है, जिस तरह के अपराध यहां राजनीतिक आधार पर पनप रहे हैं और सरकार से जुड़े मंत्रियों, विधायकों और भाजपा नेताओं का उन्हें संरक्षण प्राप्त हो रहा है।