शिमला । हिमाचल प्रदेश में कुदरत के कहर ने हजारों परिवारों को बेघर कर दिया है। यहां बारिश की वजह से सैंकड़ों लोग नीले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं। मॉनसून की बरसात ने ऐसा कोहराम मचाया है कि लोग रात को अपने घरों में चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। सूबे में 24 जून को मॉनसून की एंट्री हुई थी, तब से प्रदेश में 2220 घर पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं। जबकि 11 हजार के करीब घरों में दरारें आई हैं। इसी तरह 9819 घरों को किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन की तरफ से यह रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बारिश और फ्लैश फ्लड में 4695 गौशालाएं बह गई हैं। 300 दुकानें बारिश में ढहीं हैं। हिमाचल में इस आपदा से अब तक 8 हजार 99 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बरसात की वजह से 348 लोगों की मौत हो चुकी है। हिमाचल में पर्यावरण विभाग में प्रिंसिपल साइंटिफिक ऑफिसर सुरेश अत्री ने बताया कि हमें जानकारी मिली है कि हिमाचल में 11 हजार से अधिक घरों में दरारें आई हैं। हमें इतनी अधिक तेज बारिश की उम्मीद नहीं थी। यह काफी तेजी से हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में क्लाइमेट चैंज एक्शन प्लान को दिसंबर 2021 में अपनाया गया था। जो कि 2030 तक के लिए तय किया गया है। सुरेश अत्रे बताते हैं कि हमें विश्वाश है कि सभी विभाग, जो कि विकासात्मक कामों से जुड़े हैं, वे एक्शन प्लान से वाकिफ होंगे और उसी के अनुसार काम करेंगे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद नालों में फ्लैश फ्लड आ रहे हैं। इस वजह से नालों के आसपास के घर जमीदोज हुए हैं। छोटे छोटे नालों में अधिक पानी आने से नुकसान हो रहा है। अब तक 60 फ्लैश फ्लड हिमाचल में आ चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में बुधवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां अज भी झमाझम बारिश होने की