दिल्ली-एनसीआर पर कोरोना के नए वेरिएंट का मंडराया खतरा

-सर्वे में हुआ खुलासा, 50 प्र‎‎‎तिशत से अ‎धिक घरों में वायरल फीवर के मरीज
नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में वायरल बुखार का खतरा मंडरा रहा है। जानकारी के अनुसार यहां वायरल फीवर के मामलों में वृद्धि नजर आ रही है। स्थानीय सर्वे के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में वायरल फीवर के मामलों में वृद्धि हो रही है, जहां 50 फीसदी घरों में एक या अधिक सदस्यों में कोविड अथवा फ्लू और वायरल फीवर के लक्षण पाए गए हैं। सर्वे से यह भी पता चला कि अधिकांश लोगों ने कोविड गाइडलाइन का पालन करना व घर पर भी अपना परीक्षण कराना बंद कर दिया है, जिससे इस क्षेत्र में एक नए कोरोना वेरिएंट के फैलने का खतरा बढ़ गया है। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, जिसका नाम बीए.2.86 और उपनाम पिरोला है, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया भर के कई देशों में व्यापक स्तर पर फैल रहा है। हालां‎कि वैज्ञानिक इसे ओमिक्रॉन से काफी अलग बता रहा है। जो ‎कि अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के करीब है। लक्षणों बात करें तो पिरोला सांस की तकलीफ और गंध या स्वाद की हानि से जुड़ा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकलसर्कल्स के सर्वेक्षण में नागरिकों से पूछा गया कि दिल्ली एनसीआर में आपके घर में ऐसे कितने लोग हैं। जिनमें वर्तमान में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, शरीर में दर्द जैसे एक या अधिक कोविड/वायरल/फ्लू के लक्षण हैं। सर्वेक्षण को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में स्थित घरेलू प्रतिनिधियों से 9,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं। उत्तर देने वाले 61 फीसदी उत्तरदाता पुरुष थे जबकि 39 फीसदी उत्तरदाता महिलाएं थीं। डेटा से पता चलता है कि जबकि 50 फीसदी उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि “सौभाग्य से” उनके घर में कोई भी अस्वस्थ नहीं था। वहीं 33 फीसदी ने संकेत दिया कि परिवार में एक व्यक्ति अस्वस्थ था, जबकि 17 फीसदी ने संकेत दिया कि उनके घर में 2 से 3 व्यक्ति कोविड/फ्लू/वायरल बुखार के लक्षणों के साथ अस्वस्थ थे।
गौरतलब है ‎कि एक महीने पहले अगस्त के दूसरे सप्ताह में किए गए सर्वेक्षण की तुलना में, जब दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 21 फीसदी उत्तरदाताओं ने संकेत दिया था कि उनके घर में एक या अधिक व्यक्ति कोविड/वायरल लक्षणों से पीड़ित थे, नया सर्वेक्षण ठीक एक महीने बाद किया गया पिछले सर्वेक्षण से पता चला है कि अस्वस्थ लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, सर्वेक्षण में शामिल 50 फीसदी घर अब तक प्रभावित हुए हैं।