भारतीय हाई कमीशन पर हमले के 20 आरोपियों की हुई पहचान

-लंदन में ‎विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ था हमला, एनआईए को ‎मिली बड़ी सफलता
नई दिल्ली । एनआईए को हाई कमीशन पर हमले के आरो‎पियों को पहचानने में बड़ी सफलता ‎मिली है। बता दें ‎कि यह हमला लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन और अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पर उस समय हुआ था जब मार्च महीने में ‎विरोध प्रदर्शन ‎किया जा रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआई ने लंदन में 19 मार्च को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय दूतावास पर हमले को लेकर 45 लोगों की तस्वीरें जारी करने के दो महीने बाद 15 हमलावरों की पहचान कर ली है। एनआईए अब उन 15 लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर नोटिस जारी करने के लिए इमिग्रेशन विभाग को तस्वीरें भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके ‎लिए एनआईए ने एक ‎ट्रिक अपनाई थी जो उसके बहुत काम आई। इसके अलावा एनआईए ने पांच खालिस्तानी समर्थकों की भी पहचान कर ली है, जिन्होंने कथित तौर पर 2 जुलाई को अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया था।
जिन लोगों को पहचान की गई है, वह ब्रिटेन और कनाडा की निवासी हैं और अब भारतीय ऐजेसियां संबंधित देशों की जांच एजेंसी से संपर्क कर इन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। ‎मिली जानकारी के अनुसार भारतीयों पर खालिस्तानी हमले की जांच के तहत एनआईए की एक और टीम अगले महीने कनाडा का दौरा करने वाली है। 15 लोगों की पहचान करने के बाद एनआईए के लिए अगली चुनौती ब्रिटेन सरकार को उनके खिलाफ कदम उठाने के लिए राजी करना है, क्योंकि यूके में भारत के यूएपीए के समान कोई कानून नहीं है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देता है।
मी‎डिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक बीते अप्रैल के महीने में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को लंदन विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक नया मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था, क्योंकि प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़े आतंकी लिंक की ओर इशारा किया गया था। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया था, जिसने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, ताकि जांच एनआईए को सौंपी जा सके।
मई में, एनआईए की एक टीम ने ब्रिटेन का दौरा किया और सबूत इकठ्ठा किए। भारत लौटने पर, उन्होंने घटना के पांच वीडियो जारी किए, और आम जनता से उन संदिग्धों की पहचान करने में मदद करने के लिए कहा, जिन्होंने हाईकमीशन में तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी।इस दौरान एजेंसी को 500 से अधिक फोन आए थे।