तेल अवीव । इजरायली दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेताते हुए हिजबुल्लाह पर हमला नहीं करने का आग्रह किया है। इस दौरान अमेरिका ने कहा है कि आईडीएफ को तीसरे मोर्चे पर युद्ध शुरू नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि इजरायल और फिलिस्तीन संगठन हमास के बीच लगातार 13 दिन से युद्ध जारी है। एक तरफ जहां अमेरिका सहित कई देश इजरायल के साथ खड़े हैं। वहीं हमास के साथ ईरान समर्थित लेबनान का आतंकी समूह हिजबुल्लाह खड़ा है। ऐसे में इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ भी युद्ध छेड़ रखा है और हवाई हमले के जरिए उसके ठिकानों को तबाह करने की कोशिश में जुटा हुआ है। अमेरिका ने इजरायल से हिज्बुल्लाह के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू नहीं करने की अपील की थी। अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि वो अभी युद्ध को गाजा से आगे बढ़ने से रोकने के लिए काम कर रहा है। जानकारी के मुताबिक अमेरिका लगातार हिजबु्ल्लाह और ईरान को इजरायल की उत्तरी सीमा पर युद्ध शुरू नहीं करने की चेतावनी देता रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इजरायल को हिजबुल्लाह की गोलीबारी पर अपनी सैन्य प्रतिक्रिया में सावधान रहने की चेतावनी दी है। क्योंकि लेबनान में आईडीएफ की एक गलती बहुत बड़े युद्ध को जन्म दे सकती है। हमास के अभूतपूर्व हमले के बाद से हिजबुल्लाह ने केवल इजरायली सैन्य ठिकानों और इजरायली शहरों पर दर्जनों एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, रॉकेट और मोर्टार दागे हैं। इन झड़पों में कम से कम पांच इज़रायली सैनिक मारे गए हैं। रविवार को हिजबुल्लाह के हमले में एक इजरायली नागरिक की मौत हो गई और इजरायली गोलाबारी में दो लेबनानी नागरिकों और एक पत्रकार के भी मारे जाने की खबर है।
इधर वाशिंगटन ने कथित तौर पर तेल अवीव को आगाह किया है कि अगर हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ युद्ध शुरू करता है, तो अमेरिकी सेना समूह से लड़ने में आईडीएफ में शामिल हो जाएगी। हमास-हिजबुल्लाह के पास 70 जंगी हेलीकॉप्टर हैं। इसके अलावा इनके पास 62 मानवरहित ड्रोन हैं। नौसैनिक बेड़े में हमास और हिजबुल्लाह इजरायली सेना से एक कदम आगे हैं। इजरायल के पास 67 नेवी बेड़े हैं। जबकि दुश्मनों के पास 86 नौसैनिक बेड़े हैं और 22 टोही पोत हैं। ऐसे में जंग करना बहुत मुश्किल होगा।